अर्थव्यवस्था

बिज़नेस स्टैंडर्ड सर्वेक्षण: डॉलर के मुकाबले रुपये में अभी और नरमी के आसार!

IDBI Bank के कार्यकारी निदेशक एवं ट्रेजरी प्रमुख अरुण बंसल ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि रुपया और गिरेगा। यह ज्यादा से ज्यादा 83.25 प्रति डॉलर तक जा सकता है

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- August 20, 2023 | 10:14 PM IST

अगस्त में अभी तक 1.1 फीसदी लुढ़क चुका रुपया आगे और भी लुढ़क सकता है। बिज़नेस स्टैंडर्ड के एक सर्वेक्षण के अनुसार चीन की मुद्रा युआन में कमजोरी और अमेरिकी डॉलर में मजबूती आने से ऐसा हो सकता है। गुरुवार को रुपया 83.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो उसका अब तक का सबसे कमजोर स्तर है। सर्वेक्षण में शामिल 10 में से 5 प्रतिभागियों ने कहा कि रुपया अगस्त में ही 83.5 प्रति डॉलर तक गिर सकता है। मगर अन्य प्रतिभागियों का कहना था कि रुपये का सबसे खराब दौर शायद गुजर चुका है। शुक्रवार को रुपया कुछ सुधरकर 83.11 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

आईडीबीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक एवं ट्रेजरी प्रमुख अरुण बंसल ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि रुपया और गिरेगा। यह ज्यादा से ज्यादा 83.25 प्रति डॉलर तक जा सकता है। अगले महीने से यह मजबूत होगा और इसे 82.80 प्रति डॉलर के आसपास ठहर जाना चाहिए।’

मगर अधिकतर भागीदार मान रहे हैं कि इस साल के आखिर तक रुपये की सेहत सुधर जाएगी। उन्हें लगता है कि अमेरिकी सरकारी बॉन्ड की यील्ड और डॉलर सूचकांक अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंचकर नीचे आने लगेंगे, इसलिए रुपये को सहारा मिलेगा। एचडीएफसी बैंक की प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘हाल में वैश्विक स्थिति कुछ बदली दिख रही है। सुरक्षित ठिकानों में निवेश होने और चीन के घटनाक्रम के कारण डॉलर सूचकांक काफी मजबूत रहा है।’

गुप्ता ने कहा, ‘मेरे ख्याल से इस महीने के अंत तक रुपये पर दबाव रहेगा और डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर रहेगा। लेकिन साल के अंत तक रुपया 82.83 प्रति डॉलर तक चढ़ सकता है। इसकी मुख्य वजह अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर सूचकांक में कुछ नरमी हो सकती है। देश में वृद्धि के कारण भी रुपये की सेहत ठीक होनी चाहिए।’

यूरोप में युद्ध और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में वृद्धि के कारण 2022 में तेज उठापटक के बाद इस साल रुपया काफी हद तक स्थिर रहा है। चालू कैलेंडर वर्ष में रुपया केवल 0.5 फीसदी लुढ़का है, जबकि 2022 में इसमें 10 फीसदी से अधिक गिरावट आई थी। दमदार विदेशी निवेश के बल पर चालू कैलेंडर वर्ष के पहले छह महीनों में रुपया करीब 0.1 फीसदी मजबूत हुआ है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डॉलर बेचेगा तो रुपये को सहारा मिलेगा और उसे रिकॉर्ड निचले स्तर से लुढ़कने से रोका जा सकता है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव थामने के लिए केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करता है।

सीआर फॉरेक्स के प्रबंध निदेशक अमित पबरी ने कहा, ‘हमारे हिसाब से रुपये की कीमत कम लगाई जा रही है और ऐतिहासिक निचले स्तर के आसपास इसकी कीमत बताना सही नहीं होगा। कुछ वैश्विक वृहद आर्थिक संकेतक इसे जोखिम में बताते हैं मगर 1 डॉलर के मुकाबले 83 रुपये की कीमत देसी बुनियादी कारकों के हिसाब से सही नहीं लगती।’

First Published : August 20, 2023 | 10:14 PM IST