राज्यों को रिफंड दे सकता है केंद्र

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:32 AM IST

केंद्र सरकार राज्यों को अपनी संपत्तियों के मुद्रीकरण के बाबत प्रोत्साहित करने के लिए चुनौती देने का तरीका अपना सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
नीति आयोग और दीपम केंद्रीय अनुदान के माध्यम से राज्यों को इन संपत्तियों के मुद्रीकरण और निजीकरण में शामिल लागतों की भरपाई करने वाला प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहे हैं। संपत्तियों की लंबी सूची वाले राज्यों को चुना जाएगा और केंद्रीय अनुदानों के जरिये उनकी संपत्तियों के मुद्रीकरण में शामिल लागत को लौटाया जाएगा। आंतरिक चर्चाओं के मुताबिक सर्वाधिक संख्या में मुद्रीकरण वाली संपत्तियों के साथ आगे आने वाले करीब तीन राज्यों को केंद्रीय अनुदानों से लाभान्वित किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, ‘प्रक्रिया की लागत बहुत अधिक है क्योंकि इसमें परामर्शकों की सेवाएं, लेनदेन और कानूनी सलाहकार, संपत्ति मूल्यांकनकर्ता सहित कई लोग शामिल होते हैं। यह राज्यों को पर्याप्त प्रोत्साहन होगा क्योंकि उन्हें मुद्रीकरण से भी रकम हासिल होती।’
अधिकारी ने कहा कि अपने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण का प्रस्ताव लेकर आगे आने वाली राज्य सरकारों को केंद्र सरकार से एक समान प्रोत्साहन देने पर विचार किया जा रहा है। बजट 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि केंद्रीय फंडों के पैकेज के माध्यम से अपनी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का विनिवेश करने वाले राज्यों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
बेंगलूरु स्थित डॉ बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (बीएएसई) यूनिवर्सिटी के कुलपति एन आर भानूमूर्ति ने कहा, ‘इसका मतलब है कि केंद्र संपत्ति मुद्रीकरण में न केवल तकनीकी विशेषज्ञता और आरंभिक मुद्दों में राज्यों की मदद कर रहा है बल्कि उन्हें वित्तीय लागतों को उठाने में भी मदद कर रहा है।’
भानूमूर्ति ने कहा कि ऐसे बहुत से राज्य हो सकते हैं जिनके पास अपनी संपत्तियों के मुद्रीकरण या निजीकरण के लिए इस प्रकार की क्षमता नहीं है और यह कदम एक अच्छा हस्तक्षेप हो सकता है। वित्तीय मदद से राज्यों को दबाव में बिक्री करने और ऐसे सौदों में शामिल कानूनी मुद्दों से बचने में मदद मिलेगी जिससे इसमें लगने वाले समय की बचत होगी।   
बिजनेस स्टैंडर्ड ने पहले खबर दी थी कि जैसे ही राष्ट्रीय संपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन का अनावरण होगा वैसे ही राज्यों को अगले चार से पांच वर्ष में अपनी संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय हो सकता है। राज्यों को केंद्र सरकार और नीति आयोग की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है और उन्हें अपनी संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले मॉडलों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पिछले महीने केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ संपत्ति मुद्रीकरण पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया था ताकि राज्य सरकारों को संपत्ति मुद्रीकरण के लाभों से अवगत कराया जा सके।

First Published : April 23, 2021 | 11:54 PM IST