अर्थव्यवस्था

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बाजार से कम उधार लेगी केंद्र सरकार

वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के दौरान बाजार से 6.55 लाख करोड़ रुपये की उधारी जुटाने की योजना पर मंगलवार को कायम रहा था।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- September 27, 2023 | 10:33 PM IST

सरकार ने वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के दौरान बाजार से उधारी कम करने के विकल्प को खुला रखा है। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि लघु बचत योजनाओं का संग्रह बढ़ने के कारण सरकार को यह विकल्प खुला रखने में मदद मिली है।

वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के दौरान बाजार से 6.55 लाख करोड़ रुपये की उधारी जुटाने की योजना पर मंगलवार को कायम रहा था। इस दौरान मंत्रालय ने जबरदस्त आर्थिक वृद्धि और चुनाव पूर्व के दौरान सब्सिडी के बढ़ते दबाव को दरकिनार कर दिया था।

अधिकारी ने कहा कि हमें फिर ताकत प्राप्त हो रही है। हम लघु बचत योजनाओं की मदद से अपने लक्ष्य पर हैं। इससे सरकार के पास अधिक विकल्प आते हैं।

लघु बचत योजनाओं का शुद्ध संग्रह जबरदस्त ढंग से बढ़ने के कारण मार्केट से उधारी कम करने की उम्मीदों को बल मिला। इस वित्त वर्ष के पहली तिमाही में बीते साल की आलोच्य अवधि की तुलना में लघु बचत योजनाओं का शुद्ध संग्रह 48 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है।

सूत्रों ने संकेत दिया कि वित्त वर्ष 24 के बजटीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्राप्तियां उचित मात्रा में हैं और सितंबर के शुरुआत तक 40 फीसदी बजटीय पूंजी व्यय हो चुका है। सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए 5.9 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आश्वस्त है।

रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग ने बीते सप्ताह जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सरकार को वित्त वर्ष 24 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा। दलील यह दी थी कि वित्त वर्ष 24 के पहले चार महीनों में शुद्ध कर संग्रह में वृद्धि केवल 2.8 प्रतिशत रही थी और इसके बावजूद सरकार ने पूंजीगत व्यय को जारी रखा था।

सरकार की अक्टूबर-मार्च की अवधि के लिए शुद्ध उधारी 3.74 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसमें 2.81 लाख रुपये का पुनर्भुगतान भी शामिल है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मुआवजा उपकर प्राप्तियों के माध्यम से इस पुनर्भुगतान का ज्यादातर हिस्सा पूरा हो जाएगा और किसी अतिरिक्त उधारी की जरूरत नहीं होगी। इससे चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में शुद्ध उधारी बढ़कर चार लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।

सरकार 2023-24 की तीसरी तिमाही में 3.12 लाख करोड़ रुपये के ट्रेजरी बिल भी जारी करेगी। इसके तहत हर सप्ताह 24,000 करोड़ रुपये के टी-बिल की नीलामी होगी। इस क्रम में वित्त मंत्रालय तीन मियादों वाले हरित बॉन्ड जारी करने पर भी विचार कर रहा है। लिहाजा 5 साल और 10 वर्ष के लिए 5000 करोड़ रुपये और 30 साल की अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए जाने पर विचार किया जा रहा है।

First Published : September 27, 2023 | 10:33 PM IST