समाज सेवा के साथ बाजार तलाशना कंपनियों की नई रणनीति बन गई है। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के लिए तो यह रणनीति काफी फायदा भी पहुंचा रही है।
कंपनी ने शक्ति नाम से परियोजना शुरू की है, जो गांवों में खरीदारों की तलाश में अहम भूमिका निभा रही है। कोई बहुराष्ट्रीय कंपनी बड़ी परियोजना वहीं शुरू कर सकती है, जहां ग्राहकों की खान हो।कंपनी ने 2000 से कम आबादी वाले गांवों में यह कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें महिलाओं को रोजगार दिया जाता है।
लेकिन कंपनी प्रवक्ता के मुताबिक 15 राज्यों में उनके उत्पादों को गांव-गांव में पहचाना जा रहा है और बिक्री बढ़ी सो अलग। प्रवक्ता की बात मानी जाए, तो एचयूएल के बाजारों में गांवों की हिस्सेदारी काफी बड़ी है, जो शक्ति जैसे कार्यक्रमों से ही हो सका है।
दरअसल गांवों तक मीडिया की ज्यादा पहुंच नहीं है, जिससे उत्पादों का प्रचार भी नहीं हो पाता। ऐसे में कंपनियां सीधे चौपाल पर या ग्रामीणों के बीच पहुंचकर अपने उत्पादों का प्रचार करती हैं। इसके लिए ग्राम विकास कार्यक्रमों से बेहतर और क्या हो सकता है।