टीका वितरण समझौतों पर जोर देगी सिप्ला

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:46 AM IST

मुंबई की दवा निर्माता सिप्ला ने कहा है कि वह भारत में कोविड वैक्सीन वितरित करने के लिए भागीदारी करने के लिए स्वतंत्र है। सिप्ला के वैश्विक सीएफओ केदार उपाध्ये ने कहा, ‘हम वैक्सीन संबंधित भागीदारी के लिए स्वतंत्र हैं। जो कंपनी भारत में टीका वितरण में सक्षम होगी, उसके पास महत्वपूर्ण वितरण ढांचा उपलब्ध होगा, जैसे बड़े गोदाम, कोल्ड चेन क्षमताएं, पूरे भारत में उपस्थिति आदि। हम इसके लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन अभी बताने के लिए हमारे पास कुछ नहीं है।’ 
इस बीच, कंपनी अपना कोविड-19 थेरेपी पोर्टफोलियो भी मजबूत बना रही है। विश्लेषकों का मानना है कि कोविड पोर्टफोलियो सिप्ला के लिए वित्त वर्ष 2022 में कुल बिक्री में 2,000 करोड़ रुपये का योगदान दे सकता है। रोश की टोसिलीजुमैब के आयात और वितरण के अलावा कंपनी भारत में रेमडेसिविर, फैविपिरावर जैसी एंटीवायरल दवाएं पहले से ही बना रही है। कोविड-19 पोर्टफोलियो का 2020-21 में सिप्ला के घरेलू कारोबार में करीब 5 प्रतिशत का योगदान रहा।

दूसरी लहर में, सिप्ला ने अपने पोर्टफोलियो में कई और उत्पाद शामिल किए हैं- एमएसडी की मोलनुपिराविर (ओरल एंटीवायरल), इलाई लिली की बारीसिटीनिब (सूजन और अन्य अनियमितताओं के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा) और कोविड-19 के लिए रोश की एंटीबॉडी कोकटेल। 
मोलनुपिराविर एक ऐसी जांच संबंधित दवा है जिसका  कोविड-19 के साथ अस्पताल में भर्ती नहीं होने वाले मरीजों के उपचार के लिए तीसरे चरण के परीक्षण में इस्तेमाल किया जा रहा है। उपाध्ये का कहना है कि एमएसडी दवा मोलनुपिराविर को पेश किए जाने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा, ‘इसमें कुछ महीने लग सकते हैं। जब यह अमेरिका में स्वीकृत हो जाएगी, इसका इस्तेमाल भारत में किया जाएगा।’ वहीं इलाई लिली की बारीसिटीनिब को जल्द शुरू किया जा सकेगा। सिप्ला यहां भी इस दवा का निर्माण करेगी। रोश की एंटीबॉडी कोकटेल (कैसिरिवीमैब और इंडेविमैब) को अगले कुछ दिनों में उपलब्ध कराए जाने की संभावना है। इस दवा का इस्तेमाल कोविड के मामूली लक्षण वाले मरीजों (12 साल से ऊपर) के उपचार के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा, सिप्ला की रेस्पिरेटरी दवा ब्यूडेसोनाइड का भी अब कोविड उपचार में इस्तेमाल किया जा रहा है।

First Published : May 16, 2021 | 11:03 PM IST