तेज सुधार के लिए देश आपस में करें सहयोग

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:42 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक सुधार तेज करने के लिए दुनिया के सभी देशों को एक दूसरे के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करना चाहिए। सीतारमण ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर आए आर्थिक भूचाल की ओर संकेत करते हुए कहा कि दुनिया को भविष्य में पैदा होने वाले आर्थिक झटकों एवं प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने के लिए भी पूरी तैयारी रखनी चाहिए।
सीतारमण ने वाशिंगटन में आज दुनिया की 20 तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सम्मेलन में ये बातें कहीं। ट्विटर पर वित्त मंत्री के ट्वीट के अनुसार सीतारमण ने दुनिया की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए आर्थिक परिदृश्य, नीतिगत स्तर पर निकट अवधि की चुनौतियों जैसे खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक स्तर पर बदलती आर्थिक परिस्थितियों पर अपने अनुभव साझा किए। भविष्य में कार्य करने के तौर-तरीकों और कर्ज से जुड़े जोखिमों पर वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया के देशों को एक दूसरे के साथ पूरे समन्वय के साथ आर्थिक सुधार को गति देनी चाहिए और भविष्य में उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने के लिए भी सजग रहना चाहिए।
सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा आयोजित ‘जी-20 इमर्जिंग मार्केट इकनॉमिक्स’ बैठक में हिस्सा लिया। मंगलवार को आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 9 प्रतिशत से घटाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया। आईएमएफ ने कहा कि जिंसों के दाम बढऩे से देश में निजी उपभोग और निवेश पर असर होगा। आईएमएफ ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान भी 4.4 प्रतिशत से घटाकर 3.6 प्रतिशत कर दिया। आईएमएफ ने कहा कि यूरोप में युद्ध के कारण वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को नुकसान पहुंचा है और आपूर्ति व्यवस्था में बाधा आई है। इस वैश्विक संस्था ने यह भी कहा है कि रूस और यूकेन दोनों देशों की अर्थव्रूवस्था में बड़ी गिरावट आ सकती है। आईएमएफ ने अमेरिका और चीन की वृद्धि दर का अनुमान भी 2022 के लिए क्रमश: 0.3 प्रतिशत और 0.4 प्रतिशत घटा दिया।
वित्त मंत्री ने वित्तीय स्थिरता बोर्ड के अध्यक्ष क्लास नॉट और क्लाइमेट फाइनैंस लीडरशिप इनीशिएटिव (सीएफएलआई) की उपाध्यक्ष मैरी शापिरो के साथ भी वार्ता की। सीतारमण ने मंगलवार को आभासी मुद्राओं (क्रिप्टोकरेंसी) को नियंत्रित करने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि काले धन को सफेद बनाने और आतंकवादियों के लिए धन जुटाने जैसी गतिविधियों की आशंका इससे कम  हो जाएंगी।
आईएमएफ द्वारा आयोजित एक उच्च-स्तरीय चर्चा में सीतारमण ने कहा कि जब तक क्रिप्टो परिसंपत्तियों से जुड़ी गैर-सरकारी गतिविधि अनहोस्टेड वॉलेट (बिना मध्यस्थ की मदद से परिचालित वॉलेट) से होती रहेगी तब तक नियम बनाना काफी मुश्किल काम होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंकों की डिजिटल मुद्राओं से एक देश से दूसरे देश के लिए भुगतान काफी असरदार  हो जाएगा।

First Published : April 21, 2022 | 12:06 AM IST