भारत में बिजली क्षेत्र के विस्तार की महत्वाकांक्षी योजनाएं ट्रांसफॉर्मर और इलेक्ट्रिक मोटर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले इस्पात की कमी से प्रभावित हो सकती है। शोध संस्थान जीटीआरआई ने सोमवार को यह बात कही।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि भारत का बिजली क्षेत्र कोल्ड-रोल्ड ग्रेन-ओरिएंटेड (सीआरजीओ) इस्पात की 30 प्रतिशत कमी का सामना कर रहा है, जो इलेक्ट्रिक मोटर और ट्रांसफॉर्मर के लिए आवश्यक है। घरेलू उत्पादन से मांग का केवल 10-12 प्रतिशत ही पूरा होता है, इसलिए भारत आयात पर बहुत अधिक निर्भर है।
सीआरजीओ इस्पात की कमी का तात्कालिक कारण जापान, दक्षिण कोरिया व चीन के कई विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के लिए भारतीय मानक ब्यूरो के लाइसेंस नवीनीकरण में देरी है। कई लाइसेंस जल्द समाप्त होने वाले हैं, जिससे बिजली क्षेत्र में कमी पैदा हो रही है।