अर्थव्यवस्था

बिजली क्षेत्र में विस्तार को सीआरजीओ इस्पात की कमी से झटका, आयात निर्भरता बढ़ी: जीटीआरआई

बिजली क्षेत्र के विस्तार को इस्पात की कमी से झटका, ट्रांसफॉर्मर और मोटर निर्माण प्रभावित: जीटीआरआई

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भाषा   
Last Updated- October 28, 2024 | 10:08 PM IST

भारत में बिजली क्षेत्र के विस्तार की महत्वाकांक्षी योजनाएं ट्रांसफॉर्मर और इलेक्ट्रिक मोटर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले इस्पात की कमी से प्रभावित हो सकती है। शोध संस्थान जीटीआरआई ने सोमवार को यह बात कही।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि भारत का बिजली क्षेत्र कोल्ड-रोल्ड ग्रेन-ओरिएंटेड (सीआरजीओ) इस्पात की 30 प्रतिशत कमी का सामना कर रहा है, जो इलेक्ट्रिक मोटर और ट्रांसफॉर्मर के लिए आवश्यक है। घरेलू उत्पादन से मांग का केवल 10-12 प्रतिशत ही पूरा होता है, इसलिए भारत आयात पर बहुत अधिक निर्भर है।

सीआरजीओ इस्पात की कमी का तात्कालिक कारण जापान, दक्षिण कोरिया व चीन के कई विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के लिए भारतीय मानक ब्यूरो के लाइसेंस नवीनीकरण में देरी है। कई लाइसेंस जल्द समाप्त होने वाले हैं, जिससे बिजली क्षेत्र में कमी पैदा हो रही है।

First Published : October 28, 2024 | 10:08 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)