भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्र
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्र ने कहा कि एशिया में अवस्फीति पटरी पर बना रहेगा और इसके केंद्रीय नियामक बैंक के लक्ष्यों से तालमेल के संकेत मिल रहे हैं। पात्र ने 15 फरवरी को आयोजित सीसेन गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘कुल मिलाकर 2024 की वैश्विक वृद्धि में करीब दो तिहाई हिस्सेदारी एशिया की हो सकती है, जिसमें 2023 के तेज विकास का भी असर रहेगा। एक और उल्लेखनीय प्रगति यह है कि एशिया में अवस्फीति पटरी पर बने रहने की संभावना है और यह केंद्रीय बैंक के लक्ष्य के अनुरूप है। एक तूफानी और अस्थिर वैश्विक माहौल में एशिया निरंतर विकास की राह पर है।’ रिजर्व बैंक ने मंगलवार को गवर्नर का यह बयान जारी किया।
उन्होंने आगे कहा कि सीसेन के सदस्य विश्व की 45 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनकी वैश्विक जीडीपी में इस सदी की शुरुआत में हिस्सेदारी 9 प्रतिशत थी और अब 2023 में 27 प्रतिशत पर पहुंच गई है। क्रय शक्ति की क्षमता में अंतर (पीपीपी) के हिसाब से देखें तो सीसेन के सदस्यों की हिस्सेदारी वैश्विक जीडीपी की एक तिहाई है।
आय के स्तर में अंतर होने के साथ सामान्यतया ये देश उच्च बचत वाली अर्थव्यवस्थाएं हैं, जहां संयुक्त जीडीपी का 36 प्रतिशत निवेश दर और 37 प्रतिशत औसत बचत दर है। इससे इन देशों के घरेलू संसाधनों का पता चलता है, जो वृद्धि में भूमिका निभा रहे हैं। इससे इन देशों के निवेश और विकास के लिए आंतरिक संसाधनों पर क्षेत्र की निर्भरता का पता चलता है।
पात्र ने कहा, ‘सीसेन समूह के देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार के केंद्र भी हैं। विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों के मुताबिक विश्व के वस्तु निर्यात में इनकी हिस्सेदारी 2022 में 31 प्रतिशत रही है। इससे इनकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में इनकी केंद्रीय भूमिका का पता चलता है। सीसेन समूह में विश्व के कुल वस्तु आयात का 28 प्रतिशत आता है। इससे शुद्ध वैश्विक मांग में इन देशों की अहम भूमिका स्पष्ट होती है।’
इसके साथ ही यह क्षेत्र सक्रियता से डिजिटल कारोबार बढ़ा रहा है, जो 2022 में अनुमानित रूप से 3.9 लाख करोड़ डॉलर रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि सीसेन के सदस्य देशों में प्रत्येक के डिजिटल कारोबार की सूचना उपलब्ध नहीं है लेकिन यह उल्लेखनीय है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र ने 958 अरब डॉलर मूल्य के डिजिटल डिलिवरी योग्य सेवाओं का निर्यात किया है। यह इस क्षेत्र के कुल सेवा निर्यात का 12 प्रतिशत है।’