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–देश में परिवहन क्षेत्र में जीवाश्म ईंधन की उपयोगिता बनी रहेगी। ऊर्जा एवं अनुसंधान संस्थान टेरी के अध्ययन की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के महत्त्वाकांक्षी परिदृश्य के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए परिवहन क्षेत्र में जीवाश्म ईंधन की मांग 2050-51 से घटनी शुरू होगी और यह 2030-31 के स्तर से नीचे सन 2070-71 तक ही आ पाएगी।
अध्ययन में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन की मांग वर्ष 2070-71 तक 18.8-20.6 करोड़ टन तेल के समकक्ष रहने की संभावना है। इसमें 9.9-15.7 करोड़ टन तेल समकक्ष प्राकृतिक गैस होगी।
यह अध्ययन इस लिहाज से बेहद महत्त्वपूर्ण है कि भारत समेत दुनिया भर के देशों ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य हासिल करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई है। शोध में कहा गया है कि ईवी की बढ़ती मांग को देखते हुए अकेले परिवहन क्षेत्र से बैटरी की मांग 70 प्रतिशत होगी और 52 प्रतिशत मांग चौपहिया वाहन क्षेत्र से होगी। मध्यम और भारी वाहनों में बैटरी ऊर्जा की मांग 10 से 29 प्रतिशत रहेगी।