अर्थव्यवस्था

डिजिटल भुगतान की सुविधा के बावजूद नकद आज भी बहुमूल्य: RBI

कुल मिलाकर यह देखा गया है कि डिजिटल भुगतान नकदी की लेन-देन की मांग को कम कर रहे हैं मगर नकदी रखने का मकसद अभी भी बरकरार है।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- November 28, 2023 | 10:16 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही डिजिटल भुगतान की सुविधा शुरू होने से रोजमर्रा की जरूरतों के लिए नकदी का इस्तेमाल कम हो गया है मगर इसके मोल को हम नकार नहीं सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रचलन में मुद्रा (सीआईसी) की वृद्धि इसका सटीक उदाहरण है। यह मुख्य रूप से बड़े नोटों की मांग से प्रेरित है, जो कुल सीआईसी के भीतर एक बढ़ी हुई हिस्सेदारी को दर्शाता है।

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कुल मिलाकर यह देखा गया है कि डिजिटल भुगतान नकदी की लेन-देन की मांग को कम कर रहे हैं मगर नकदी रखने का मकसद अभी भी बरकरार है।’

रिपोर्ट के अनुसार बड़े मूल्य के नोटों के प्रचलन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, खासकर वैश्विक महामारी के दौरान यानी साल 2020-21 में इसमें 19.4 फीसदी की वृद्धि हुई, इसके बाद साल 2021-22 में 11.3 फीसदी की वृद्धि हुई। हालांकि, कम मूल्य के नोटों का स्थिति अपेक्षाकृत स्थिर बनी हुई है।

लेनदेन संबंधी नकदी उपयोग के लिए प्रॉक्सी के रूप में अप्रैल 2018 से मार्च 2022 तक प्रचलन में मुद्रा में साप्ताहिक परिवर्तन का विश्लेषण करने से पता चलता है कि इसमें 42 फीसदी परिवर्तन को लेन-देन संबंधी उद्देश्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

इसके अलावा कुल प्रचलन में उच्च मूल्य के नोटों के अनुपात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संख्या के हिसाब से अगर देखें तो उच्च मूल्य के नोटों की हिस्सेदारी 2010 से 2016 में औसतन 21 फीसदी से बढ़कर 2020-21 में 33.1 फीसदी हो गई।

इसके बाद साल 2021-22 में 36.5 फीसदी और 2022-23 में 44 फीसदी हो गई। मूल्य के संदर्भ में, बड़े मूल्यवर्ग के नोटों का योगदान 90 फीसदी है, जो 2010 से 2016 के औसत से 8 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है।

First Published : November 28, 2023 | 10:04 PM IST