आत्मनिर्भर भारत पर जोर के बावजूद चीन से बढ़ रहा आयात

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:42 AM IST

देश को आत्मनिर्भर बनाने पर सरकार के जोर और सीमा पर चीन के साथ विवाद के बाद वहां के सामान पर रोक लगाने की मांग उठने के साल भर बाद भी चीन से आयात बढ़ रहा है। चीन अब भी भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है। इस साल अप्रैल में चीन से 65.1 लाख डॉलर का सामान आयात हुआ, जो पिछले साल अप्रैल के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा था। हालांकि आयात में 114 फीसदी इजाफे की एक वजह पिछले साल लॉकडाउन के बीच बहुत कम आयात भी कही जा सकती है मगर इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जे, कंप्यूटर हार्डवेयर और दूरसंचार उपकरण आदि के आयात में तेजी देखी जा रही है। 
 
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में देश में इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों की कुल जरूरत का 40.71 फीसदी हिस्सा चीनी आयात से ही पूरा किया गया। पिछले साल अप्रैल में यह हिस्सा 33.54 फीसदी ही था, जबकि आंकड़ा 2019 में 33.82 फीसदी और 2018 में 33.90 फीसदी था। वित्त वर्ष 2021 में चीनी आयात की हिस्सेदारी कुल 40.5 फीसदी रही जो वित्त वर्ष 2020 में 37.2 फीसदी और 2019 में 36.9 फीसदी थी।
 
वित्त वर्ष 2021 में देश के कुल निर्यात में चीन की हिससेदारी 16.53 फीसदी रही, जो 12 साल में सबसे अधिक है। हालांकि चीन के साथ कुल व्यापार घाटा 2020-21 में घटकर 44.11 अरब डॉलर रह गया मगर देश के कुल व्यापार घाटे में चीन की हिस्सेदारी 43 फीसदी है, जो चार साल में सबसे अधिक है। भारत मुख्य रूप से चीन से इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे, दूरसंचार उपकरण, कार्बनिक रसायन, कंप्यूटर हार्डवेयर, डेरी के लिए औद्योगिक उपकरण, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक के लिए कच्चा माल आदि मंगाता है। चीन निर्मित वस्तुओं के विरोध के बावजूद कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के आयात में इजाफा हुआ है। इस साल अप्रैल में भारत के बाजार में चीन निर्मित वैक्यूम क्लीनर, रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव जैसे उत्पादों की हिस्सेदारी पिछले अप्रैल के मुकाबले बढ़ी है।
 
अप्रैल में भारत में आयात होने वाले करीब 63 फीसदी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद चीन से आए, जबकि पिछले साल अप्रैल में इसमें चीन की हिस्सेदारी केवल 26 फीसदी थी। 2020-21 में इसकी हिस्सेदारी 52.3 फीसदी बढ़ी, जो 2019-20 में 44 फीसदी थी। पिछले साल देश में आयात होने वाले कंप्यूटर हार्डवेयर में आधे से ज्यादा चीन से आया था। वित्त वर्ष 2020 में इसकी हिस्सेदारी 46.4 फीसदी थी जो वित्त वर्ष 2021 में बढ़कर 50.8 फीसदी हो गई। अप्रैल 2021 में कंप्यूटर हार्डवेयर के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी 55 फीसदी रही, जो पिछले साल इसी महीने 51 फीसदी थी।
 
इसी तरह 2020-21 में देश में कुल दूरसंचार उपकरणों के आयात में चीन की हिस्सेदारी 43.5 फीसदी रही, जो इससे पिछले साल 39 फीसदी थी। इस साल अप्रैल में चीन से दूरसंचार उपकरणों का आयात बढ़कर 47.3 फीसदी हो गया। वित्त वर्ष 2021 में देश में आयात किए गए कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में चीन की हिस्सेदारी आधे से अधिक रही, जबकि बीते दो वर्षों में इसकी हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी थी। इस साल अप्रैल की बात करें तो इसका चीन से आयात बढ़कर 63 फीसदी हो गया। 
 
टेक्नोपैक एडवाइजर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अरविंद सिंघल ने कहा, ‘चीन में दुनिया भर के लिए वर्षों से विनिर्माण कारखाने मौजूद हैं। सरकार आत्मनिर्भर भारत की बात कर रही है मगर कम समय में इसे लागू करना कठिन है। चीन से हटकर दुनिया के किसी अन्य देश से वस्तुओं की आपूर्ति आसान नहीं है।’ सिंघल ने कहा, ‘2020-21 में महामारी के कारण देश के सकल घरेलू उत्पाद में संकुचन आया लेकिन चीन से आयात कोविड-19 से पहले के स्तर पर ही है। चीन दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धी विनिर्माता देश है।’

First Published : July 16, 2021 | 12:00 AM IST