अर्थव्यवस्था

क्या बीत गया खराब इकोनॉमी का दौर? वित्त वर्ष 24-25 की तीसरी तिमाही में देश की GDP 6.2% रही

सांख्यिकी मंत्रालय ने FY25 के लिए GDP अनुमान 6.4% पर बनाए रखा है, जो FY24 में दर्ज 8.2% की वृद्धि से कम है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 28, 2025 | 4:52 PM IST

वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 6.2% रही। यह आंकड़ा शुक्रवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी किया गया। इससे पहले, दूसरी तिमाही (Q2FY25) में GDP वृद्धि गिरकर 5.4% पर आ गई थी, जो पिछले सात तिमाहियों का सबसे निचला स्तर था और देश की संभावित वृद्धि दर 7-7.5% से काफी कम थी।

पिछली तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि में लगातार गिरावट देखी गई है। Q3FY24 में GDP वृद्धि 8.6% थी, जो Q4FY24 में घटकर 7.6% रह गई थी। इसके बाद, यह Q1FY25 में 6.7% और Q2FY25 में 5.4% तक गिर गई थी।

FY26 के लिए GDP और मुद्रास्फीति अनुमान

सांख्यिकी मंत्रालय ने FY25 के लिए GDP अनुमान 6.4% पर बनाए रखा है, जो FY24 में दर्ज 8.2% की वृद्धि से कम है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष में 6.6% की वृद्धि का अनुमान लगाया है। हालांकि FY25 की पहली छमाही सुस्त रही, लेकिन मंत्रालय को उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। कृषि और औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ-साथ ग्रामीण मांग में मजबूती से भारत की वृद्धि दर को समर्थन मिलेगा। इस गति से FY25 के अंत तक अर्थव्यवस्था 6.4-6.8% तक विस्तार कर सकती है।

इस बीच, RBI ने FY26 के लिए GDP वृद्धि 6.7% रहने का अनुमान दिया है, जिसमें तिमाही के हिसाब से अनुमान इस प्रकार हैं:

  • Q1FY26: 6.7% (पहले के 6.9% अनुमान से संशोधित)
  • Q2FY26: 7.0% (पहले के 7.3% अनुमान से संशोधित)
  • Q3FY26: 6.5%
  • Q4FY26: 6.5%

FY26 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान

RBI ने FY26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 4.2% रहने का अनुमान दिया है, जिसमें तिमाही के हिसाब से अनुमान इस प्रकार हैं:

  • Q1FY26: 4.5% (पहले के 4.6% अनुमान से संशोधित)
  • Q2FY26: 4.0%
  • Q3FY26: 3.8%
  • Q4FY26: 4.2%

FY25 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान 4.8% पर बरकरार रखा गया है।

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RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट में कटौती की

RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रिपो रेट में 25 आधार अंकों (bps) की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया। यह दो सालों में पहली बार दरों में कटौती है। यह निर्णय RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा 5-7 फरवरी को हुई MPC बैठक में घोषित किया गया और सभी सदस्यों ने इसे सर्वसम्मति से समर्थन दिया। हालांकि, RBI ने ‘न्यूट्रल’ रुख बनाए रखा है और मुद्रास्फीति को लक्ष्यों के अनुरूप बनाए रखते हुए वृद्धि का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित किया है।

भारत का PMI गिरा, सेवाओं में कमजोरी

जनवरी 2025 में भारत का समग्र परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स गिरकर 57.7 पर आ गया, जो 14 महीनों का निचला स्तर है। इससे पता चलता है कि निजी क्षेत्र की गतिविधियां धीमी हो रही हैं। सेवाओं (Services) का PMI 56.5 पर आ गया, जो नवंबर 2022 के बाद का सबसे निचला स्तर है। वहीं, विनिर्माण (Manufacturing) PMI जनवरी में बढ़कर 57.7 हो गया, जो दिसंबर में 12 महीने के निचले स्तर 56.4 पर था।

PMI का 50 से ऊपर होना विस्तार (Expansion) को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का स्तर संकुचन (Contraction) को दर्शाता है।

First Published : February 28, 2025 | 4:43 PM IST