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अंतरिक्ष आधारित संचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के विवादास्पद मसले पर दूरसंचार विभाग और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के बीच मतभेद सामने आए हैं।
दूरसंचार विभाग अपने इस रुख पर अड़ा हुआ है कि अंतरिक्ष आधारित संचार के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी की जानी चाहिए और उसने नियामक से इसके तौर-तरीकों पर काम करने का अनुरोध किया है।
हालांकि कुछ दिन पहले ‘अंतरिक्ष आधारित संचार के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन’ शीर्षक से एक परामर्श पत्र जारी करने वाले ट्राई ने हितधारकों से इन सवालों का जवाब देने के लिए कहा है कि क्या अंतरिक्ष आधारित संचार के लिए स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी की जानी चाहिए या प्रशासनिक तरीके से पेश किया जाना चाहिए अथवा क्या कोई अन्य विकल्प हो सकता है। इस प्रकार इस मसले को व्यापक रूप से खुला छोड़ा जा रहा है।
ज्यादातर दूरसंचार कंपनियों ने यह कहते हुए सरकार द्वारा तय कीमतों पर स्पेक्ट्रम की पेशकश करने का विरोध किया है कि समान सेवाओं के लिए समान अवसर होना चाहिए। उनका तर्क है कि चूंकि वे नीलामी में स्पेक्ट्रम खरीदते हैं, इसलिए अंतरिक्ष संचार आधारित ब्रॉडबैंड की भी नीलामी की जानी चाहिए, जो ग्राहकों के लिए उसी तरह की सेवा होती है।
लेकिन सुनील मित्तल द्वारा संचालित वनवेब जैसी उपग्रह कंपनियों ने इस कदम का यह संकेत करते हुए विरोध किया है कि विश्व स्तर पर अंतरिक्ष संचार के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की जाती है और देश इसे सरकार द्वारा तय मूल्य तंत्र के रूप में प्रदान करते हैं।
इस मसले की शुरुआत सितंबर 2021 में हुई थी, जब दूरसंचार विभाग ने उपयुक्त आवृत्ति बैंड, ब्लॉक आकार, आरक्षित मूल्य और अंतरिक्ष आधारित संचार सेवाओं के लिए नीलामी की जाने वाली स्पेक्ट्रम की मात्रा की सिफारिश करने के लिए ट्राई को सुझाव भेजा था।
ट्राई ने स्पष्टीकरण मांगा, जिस पर दूरसंचार विभाग ने कहा कि 5जी की तैनाती की आवश्यकता के कारण नियामक अंतरिक्ष आधारित संचार पर सिफारिशों को बाद में ले सकता है, क्योंकि उनकी प्रतिक्रिया में समय लगेगा।
पिछले साल अगस्त में दूरसंचार विभाग ने ट्राई से अंतरिक्ष संचार सेवाओं की मांग का आकलन करने के लिए परामर्श करने और उसके अनुसार प्रत्येक बैंड में नीलामी के लिए रखे जाने वाले स्पेक्ट्रम की मात्रा पर सिफारिशें प्रदान करने का दोबारा अनुरोध किया था।
इसने यह भी कहा कि उसने ‘विशेष आधार पर अंतरिक्ष स्पेक्ट्रम की नीलामी की परिकल्पना की है’ तथा ट्राई से उपग्रह और स्थलीय नेटवर्क जैसे कई सेवा लाइसेंधारकों के बीच नीलामी वाले स्पेक्ट्रम को साझा करने की व्यावहारिकता को देखने के लिए कहा।
अक्टूबर 2022 में एक पत्र में ट्राई ने दूरसंचार विभाग से स्पष्टीकरण मांगा था कि नीलामी के जरिये अंतरिक्ष आधारित संचार के लिए किस प्रकार की लाइसेंस वाली सेवाओं और स्पेक्ट्रम की परिकल्पना की गई है। दूरसंचार विभाग ने जवाब दिया कि ट्राई विस्तृत जांच के बाद अंतरिक्ष आधारित प्रत्येक संचार सेवाओं के लिए उपयुक्त सिफारिशें प्रदान कर सकता है।