डेलॉयट के सर्वेक्षण में शामिल भारतीय उद्योग जगत के प्रतिक्रियादाताओं में से करीब 91 फीसदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से घोषित विभिन्न उपायों से अर्थव्यवस्था को दोबारा से सुधार के रास्ते पर लाने में मदद मिली है। परामर्श एजेंसी ने एक वक्तव्य में कहा कि पिछले बजट से पहले इन घोषणाओं के पक्ष में प्रतिक्रिया देने वालों की संख्या 58 फीसदी थी जो अब 91 फीसदी पर पहुंच गई।
हालांकि, बजट पूर्व डेलॉयट के सर्वेक्षण में प्रतिक्रिया देने वालों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की संख्या केवल 18 फीसदी है। मई 2020 के आरंभ में सीतारमण द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत के अधिकांश उपाय का जोर छोटे कारोबार थे। इन उपायों में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना और पर्यटन तथा महमारी से बुरी तरह प्रभावित रहे अन्य क्षेत्रों के लिए ऋण योजाएं शामिल हैं।
डेलॉयट ने कहा, ‘भारतीय कारोबारियों में आशावाद और विश्वास उच्च स्तर का है क्योंकि कोविड-19 की तीसरी लहर के जोर पकडऩे के बावजूद प्रतिक्रियादाताओं में से 75 फीसदी से अधिक भारत की आर्थिक वृद्घि और विस्तार को लेकर सकारात्मक थे जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 68 फीसदी रही थी।’ सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘करीब 91 फीसदी प्रतिक्रियादाताओं का मानना है कि आत्मनिर्भर भारत पहल और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति कार्रवाई से अर्थव्यवस्था को दोबारा से पटरी पर लाने में मदद मिली।