प्रतीकात्मक तस्वीर
अगले सप्ताह 4 सदस्य देशों वाले यूरोपीय मुक्त व्यापार एसोसिएशन (ईएफटीए) के निवेशकों का प्रतिनिधिमंडल भारत आएगा। इसमें आइसलैंड, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल भारत में कारोबार के अवसर और निवेश समझौतों की संभावना की तलाश करेगा।
ईएफटीए के प्रतिनिधि 100 से अधिक निवेशकों के साथ दिल्ली में होंगे। भारत-ईएफटीए व्यापार समझौते के तहत निवेश प्रतिबद्धताओं के मुताबिक यह दौरा हो रहा है, जिसमें समझौते के 10 साल के भीत 50 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई है और अगले 5 साल में 50 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश होगा। इस निवेश से भारत में 15 साल में 10 लाख नौकरियों के सृजन की उम्मीद है।
सरकार के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि यह निवेश विभिन्न क्षेत्रों भारत में विनिर्माण पर केंद्रित होगा, जिनमें रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण के साथ बुनियादी ढांचा क्षेत्र शामिल हैं। ईएफटीए और भारत के बीच व्यापार समझौते पर पिछले साल मार्च में हस्ताक्षर हुए थे। इसके लिए 16 साल में 21 दौर की बातचीत चली। व्यापार समझौता 2025 के अंत से लागू होगा। ईएफटीए के 4 देशों में स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इस वित्त वर्ष के पहले 8 महीने में भारत ने ईएफटीए देशों को 1.28 अरब डॉलर का निर्यात किया है, जिसमें से 77 प्रतिशत निर्यात स्विट्जरलैंड को हुआ है। आयात 15.8 अरब डॉलर का रहा है, जिसमें 97 प्रतिशत आयात स्विट्जरलैंड से हुआ। बीएस