अर्थव्यवस्था

वित्तीय प्रणाली में सरप्लस नकदी घटाने की कवायद

वित्तीय प्रणाली में अधिशेष नकदी घटकर 1 लाख करोड़ रुपये रह जाएगी तो आरबीआई होगा सहज

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- August 10, 2023 | 9:32 PM IST

कारोबारियों का कहना है कि जब वित्तीय प्रणाली में सरप्लस नकदी कम होकर करीब 1 लाख करोड़ रुपये रह जाएगी तो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के लिए स्थिति थोड़ी सहज हो जाएगी।

नकदी समायोजन व्यवस्था (एलएएफ) के माध्यम से बैंकों द्वारा आरबीआई के पास जमा रकम अगस्त में अब तक ज्यादातर दिनों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रही है।

कारोबारियों का कहना है कि अगर वित्तीय प्रणाली में अधिशेष नकदी 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहती है तो आरबीआई इसमें कमी करने के लिए कुछ सुधारात्मक उपाय कर सकता है।

गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद आरबीआई ने कहा कि 12 अगस्त 2023 से अधिसूचित बैंकों को सीआरआर 19 मई 2023 से 28 जुलाई 2023 के बीच उनकी शुद्ध मांग एवं समय देयता (नेट डिमांड ऐंड टाइम लाइबलिटी) में हुई बढ़ोतरी के 10 प्रतिशत स्तर पर रखना होगा। इस प्रावधान का मकसद 2,000 रुपये की वापसी सहित अन्य कारणों से वित्तीय तंत्र में आई नकदी का स्तर कम करना है। केंद्रीय बैंक 8 सितंबर या इससे पहले इस कदम की समीक्षा करेगा।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक डीलर ने कहा, ‘आरबीआई 1 लाख करोड़ रुपये तक की अधिशेष नकदी को सहज मानता है। मगर जब यह इस स्तर से पार करती है आरबीआई के लिए स्थिति असहज होने लगती है। इसे देखते हुए आरबीआई वेरिएबल रेट रिवर्स रीपो ऑक्शन (वीआरआरआर) आयोजित करता रहेगा और अन्य उपाय करेगा।’ आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को संकेत दिए कि अतिरिक्त सीआरआर की शर्त से अतिरिक्त 1 लाख करोड़ रुपये वित्तीय तंत्र से बाहर हो जाएगी।

बॉन्ड बाजार पर इस कदम का मामूली असर ही होगा

कुछ कारोबारियों का कहना है कि बॉन्ड बाजार पर इस कदम का मामूली असर ही होगा क्योंकि यह अल्प अवधि के लिए ही प्रभाव में रहेगा।

पीएनबी गिल्ट्स में वरिष्ठ अधिकारी एवं उपाध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा, ‘बाजार पर अतिरिक्त सीआरआर के प्रावधान से विशेष असर नहीं होगा। यह अस्थायी उपाय है जो केवल एक महीने के लिए ही प्रभाव में रहेगा। बाजार में जब भी नकदी का स्तर जरूरत से अधिक हुआ है आरबीआई उसे कम करने के लिए वीआरआरआर नीलामी आयोजित करता रहा है।’

शर्मा ने कहा कि इससे अल्प अवधि में बॉन्ड प्रतिफल पर भी कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 2-3 आधार अंक के हेर-फेर बड़ा तो नहीं कहा जा सकता है।

दूसरी तरफ, कुछ कारोबार ऐसे भी हैं जिन्हें लगता है कि आरबीआई के इस उपाय से निकट अवधि में कॉल मनी रेट्स, ट्रेजरी बिल एवं वाणिज्यिक पत्रों पर लघु अवधि की दरें 15-20 आधार अंक तक बढ़ सकती हैं।

8 अगस्त तक वित्तीय तंत्र में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये रकम उपलब्ध थी

एचडीएफसी बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार 8 अगस्त तक वित्तीय तंत्र में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये रकम उपलब्ध थी। हालांकि, अग्रिम कर के मद में अनुमानित 1.5 लाख करोड़ रुपये भुगतान होने से आने वाले महीनों में अधिशेष नकदी का स्तर कम हो सकता है।

एचडीएफसी बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘उपलब्ध रकम में कमी आने से बैंक ऋण एवं जमा दरों पर असर हो सकता है। हमें लगता है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में अधिशेष नकदी 1-1.5 लाख करोड़ रुपये रह सकती है।’

First Published : August 10, 2023 | 9:32 PM IST