निर्यातकों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन दिए जाने के तरीके में बदलाव किया गया है। सरकार ने मर्केंडाइज एक्सपोर्ट ऑफ इंडिया स्कीम (एमईआईएस) के तहत लाभ को प्रति निर्यातक 2 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया है। यह व्यवस्था 1 सितंबर से 31 दिसंबर की अवधि में किए जाने वाले निर्यात पर लागू होगी।
वाणिज्य विभाग की अधिसूचना के मुताबिक एमईआईएस के तहत घोषित लाभ 1 जनवरी, 2021 से बंद हो जाएंगे। विभाग ने कहा कि योजना को खत्म करने का नोटिस चार महीने पहले मिलने से निर्यातकों को आगे के मूल्य निर्धारण का निर्णय करने में सहूलियत होगी।
लेकिन निर्यातक और उद्योग से जुड़े लोग इस कदम से खुश नहीं हैं। मोटरसाइकिल और तिपहिया वाहनों की बड़ी निर्यातक बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने कहा कि हालिया अधिसूचना से निर्यात पर असर पड़ेगा। इस योजना के तहत कंपनी को 2 फीसदी का लाभ मिलता था लेकिन बजाज को अब कीमतें बढ़ाकर इसका बोझ ग्राहकों पर डालना होगा। शर्मा ने कहा कि 2 करोड़ रुपये की सीमा लगाए जाने से कंपनी को छह महीने में करीब 120 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि सितंबर से दिसंबर के दौरान होने वाले निर्यात के लिए ऑर्डर पहले ही दिए जा चुके हैं और इसमें मौजूदा एमईआईएस के लाभ को ध्यान में रखा गया है। सराफ ने कहा, ‘ये लाभ निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता का हिस्सा हैं, और इसलिए इसमें अचानक किए गए बदलाव से निर्यातक को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि खरीदार कीमतों को बढ़ाने के लिए तैयार नहीं होंगे।’ 43,500 करोड़ रुपये की एमईआईएस योजना भारत का सबसे बड़ा निर्यात प्रोत्साहन उपाय है। इसे वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने प्र्रस्तावित किया था। लेकिन अब वे चुनिंदा क्षेत्रों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर ध्यान दे रहे हैं। सरकार का कहना है कि वर्तमान में करीब 98 फीसदी निर्यातक एमईआईएस लाभ का दावा कर रहे हैं और उन पर असर नहीं पड़ेगा। 2 फीसदी निर्यातकों पर इसका असर पडऩे की आशंका है।
ईओयू और एसईजेड के लिए निर्यात संवद्र्घन परिषद (ईपीसीईएस) ने सरकार से इस निर्णय को टालने की अपील की है। ईपीसीईएस के वाइस चेयरमैन भुवनेश सेठ ने कहा, ‘जब एफटीपी को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया गया है तो नीतियों में सभी तरह के बदलाव को 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी करना चाहिए।’ भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवद्र्घन परिषद ने भी कहा कि एमईआईएस योजना के लाभ के लिए सीमा तय करना गंभीर चिंता का विषय है। ईवाई में टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा, ‘इस कदम का बड़े निर्यातकों पर व्यापक असर पड़ेगा।’ उन्होंने कहा, ‘इसके लाभ को ध्यान में रखते हुए निर्यातकों ने अपनी लागत, मूल्य आदि तय किए थे लेकिन योजना पर रोक लगाने से उन्हें इन सबमें बदलाव करना होगा।’