विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने कहा है कि 2020 की चौथी तिमाही में वैश्विक व्यापारिक कारोबार की मात्रा की बढ़ी हुई दर 2021 की पहली छमाही में जारी रहने की संभावना नहीं है क्योंकि प्रमुख संकेतक पहले से ही ऊंचाई पर हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असर भारत से होने वाले निर्यात पर पड़ सकता है जिसमें देरी से सुधार हुआ है।
डब्ल्यूटीओ के ताजा वस्तु व्यापार बैरोमीटर के मुताबिक, वृद्घि दर कोविड-19 के कारण काफी पिछडऩे के बाद 2020 की तीसरी तिमाही में सुधरने के बाद से चौथी तिमाही में मजबूत बनी हुई है। बैरोमीटर का मौजूदा पाठ्यांक 103.9 है जो सूंचकांक के आधार मूल्य 100 और पिछले नवंबर में 100.7 के पिछले पाठ्यांक दोनों से ऊपर है। यह पिछले वर्ष की पहली छमाही में आई तेज गिरावट के बाद व्यापारिक कारोबार में उल्लेखनीय सुधार को इंगित करता है। डब्ल्यूटीओ ने कहा कि सभी घटक सूचकांक या तो रुझान के ऊपर हैं या फिर रुझान पर हैं लेकिन कुछ पहले से ही गिरावट के संकेत दे रहे हैं जबकि कुछ अन्य नीचे आ सकते हैं।
डब्ल्यूटीओ के मुताबिक इसके अलावा संकेतक पूरी तरह से कोविड-19 के संक्रमण को प्रदर्शित नहीं कर सकता है और इस बीमारी के निए किस्म के आने से निस्संदेह 2021 की पहली तिमाही में वस्तु व्यापार पर असर पड़ेगा। डब्ल्यूटीओ ने कहा कि 2021 और उसके बाद के लिए संभावना दुनिया भर में कोविड-19 के मामलों इजाफा होने और बीमारी के नए किस्म के उदय होने से बहुत अधिक अनिश्चित हो रही हैं। उसने कहा, ‘सुधार काफी हद तक टीकाकरण के प्रयासों के प्रभावी होने पर निर्भर करेगा।’
इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा कि वैश्विक मांग में कमजोरी का असर भारतीय निर्यातों पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, पिछले वर्ष कमजोर निर्यात प्रदर्शन का कुछ असर 2021 में वृद्घि पर पड़ेगा। मजबूत वैश्विक मांग की कमी विगत कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की धीमी वृद्घि दर के लिए प्रमुख कारकों में से एक है।’
पंत ने कहा कि मजबूत वैश्विक मांग के अभाव में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उच्च वृद्घि को बरकरार रख पाना चुनौतीपूर्ण होगा। हालांकि, इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विभिन्न देशों में टीकाकरण के रफ्तार पकडऩे पर मांग की स्थिति सामान्य होने लगेगी जिससे व्यापारिक निर्यातों में मजबूती आएगी। कोविड के कारण 2020 के अधिकांश महीनों में और उससे पहले वैश्विक मांग में कमजोरी आने से भारत से होने वाले निर्यातों में कमी आई थी। यहां से होने वाले निर्यातों में दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में तेजी आई थी। निर्यातों में जनवरी में 6.16 फीसदी और दिसंबर में मामूली 0.14 फीसदी की वृद्घि हुइ थी।