अर्थव्यवस्था

राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष के लक्ष्य का 17.2 फीसदी

केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है।

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भाषा   
Last Updated- August 30, 2024 | 11:23 PM IST

चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 17.2 प्रतिशत रहा है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल मिलाकर राजकोषीय घाटा जुलाई के अंत तक 2,76,945 करोड़ रुपये रहा है।

पिछले वित्त वर्ष (2023-24) की इसी अवधि में घाटा बजट अनुमान (बीई) का 33.9 प्रतिशत था। केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था। कुल मिलाकर, सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 16,13,312 करोड़ रुपये तक सीमित रखना है। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के लिए केंद्र सरकार के आय-व्यय के आंकड़ों का खुलासा करते हुए सीजीए ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध कर राजस्व 7.15 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 27.7 प्रतिशत था। जुलाई, 2023 के अंत तक शुद्ध कर राजस्व संग्रह अनुमान का 25 प्रतिशत था।

जुलाई तक के 4 महीनों में केंद्र सरकार का कुल व्यय 13 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 27 प्रतिशत रहा। एक साल पहले समान अवधि में यह खर्च बजट अनुमान का 30.7 प्रतिशत था। कुल व्यय में से 10,39,091 करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 2,61,260 करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे। कुल राजस्व व्यय में से 3,27,887 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए तथा 1,25,639 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी के लिए थे।

First Published : August 30, 2024 | 11:23 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)