अर्थव्यवस्था

अगले फाइनेंशियल ईयर के बजट में फिस्कल डिफिसिट 5.8 प्रतिशत पर रखने का अनुमान: ICRA

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भाषा
Last Updated- January 12, 2023 | 6:43 PM IST

केंद्र और राज्य सरकारें अगले फाइनेंशियल ईयर के लिए बाजार से अधिक उधारी का प्रावधान कर सकती हैं। हालांकि केंद्रीय बजट में फिस्कल डिफिसिट अनुमान से कम होकर GDP का 5.8 फीसदी रह सकता है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

इक्रा रेटिंग्स ने अनुमान जताया कि पुराने कर्ज को अधिक मात्रा में चुकता करने से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की सकल बाजार उधारी भी बढ़ेगी। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि केंद्र की उधारी मौजूदा 14.1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 14.8 लाख करोड़ रुपये और राज्यों की उधारी 22.1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अगले वित्त वर्ष में 24.4 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।

एजेंसी ने यह भी कहा कि केंद्र 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5.8 फीसदी करने का लक्ष्य लेकर चल सकता है जो चालू वित्त वर्ष के अनुमानित GDP के 6.4 फीसदी घाटे से कहीं बेहतर है।

एजेंसी की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वैश्विक वृद्धि पर मंदी के असर की आशंका बढ़ती जा रही है। ऐसे में 2023-24 के बजट में घरेलू वृद्धि की गति को बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए और इसके साथ ही वित्तीय समावेशन के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता दिखानी होगी और बाजार उधारी में बढ़ोतरी को सीमित करने पर ध्यान देना होगा।

उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी बजट में केंद्रीय पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 8.5-9 लाख करोड़ रुपये किया जा सकता है और सब्सिडी घटाने के रास्ते राजकोषीय घाटे को कम करके GDP का 5.8 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा जाएगा।

इसके बावजूद, ऋणों को चुकता करने के बाद केंद्र की सकल बाजार उधारी 2022-23 के 14.1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 14.8 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।

नायर ने कहा कि राजस्व घाटा 10.5 लाख करोड़ रुपये से घटकर 2023-24 में 9.5 लाख करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 17.5 लाख करोड़ रुपये से मामूली रूप से घटकर 17.3 लाख करोड़ रुपये का अनुमान है। इस तरह GDP के हिस्से के रूप में राजकोषीय घाटा 6.4 फीसदी से घटकर 5.8 फीसदी हो सकता है।

उन्होंने कहा कि डायरेक्ट टैक्स और जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी के बूते शुद्ध कर प्राप्तियां 2022-23 में बजट लक्ष्य से 2.1 लाख करोड़ रुपये अधिक रह सकती हैं। डायरेक्ट टैक्स संग्रह चालू वित्त वर्ष में दस जनवरी तक 24.58 फीसदी बढ़कर 14.71 लाख करोड़ रुपये रहा है जो बजट अनुमान का 86 फीसदी से भी अधिक है।

नायर ने कहा कि 2023-24 में सरकार की शुद्ध उधारी 10.4 लाख करोड़ रुपये हो सकती है जो 2022-23 की 10.9 लाख करोड़ रुपये से कम है। लेकिन अधिक कर्ज चुकता करने से सकल बाजार उधारी 14.1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 14.8 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।

First Published : January 12, 2023 | 6:43 PM IST