अर्थव्यवस्था

सख्त हों मछली पकड़ने पर सब्सिडी के नियम

दस्तावेज के मुताबिक भारत प्रत्येक मछुआरे को सालाना 35 डॉलर सब्सिडी देता है, कुछ यूरोपीय देशों में प्रत्येक मछुआरे को प्रति वर्ष 76,000 डॉलर तक सब्सिडी दी जाती है।

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भाषा   
Last Updated- December 15, 2024 | 9:52 PM IST

भारत ने गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों में शामिल देशों के सब्सिडी देने पर सख्त नियमों के लिए डब्ल्यूटीओ में पैरवी की है।
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में दस्तावेज पेश कर इस संबंध में भारी असमानता को उजागर किया। दस्तावेज के मुताबिक भारत प्रत्येक मछुआरे को सालाना 35 डॉलर की मामूली सब्सिडी देता है जबकि कुछ यूरोपीय देशों में प्रत्येक मछुआरे को प्रति वर्ष 76,000 डॉलर तक की सब्सिडी दी जाती है। भारत ने सुझाव दिया कि इस तरह की सब्सिडी देने वालों को भविष्य में सब्सिडी देने के लिए मत्स्य पालन सब्सिडी समिति की अनुमति लेनी चाहिए।

देश ने ये टिप्पणियां जिनेवा में चल रही नियमों (मत्स्य पालन सब्सिडी) पर वार्ता समूह की बैठकों में की हैं। अधिकारी ने कहा, ‘भारत ने ऐतिहासिक मत्स्य पालन सब्सिडी देने वालों के लिए कड़े अनुशासन की वकालत की है, जो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने (समुद्र तट से 200 समुद्री मील) में लगे हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत ने 25 साल के लिए सब्सिडी को रोकने के लिए कहा है। अधिकारी ने कहा कि इन मांगों पर भारत को इंडोनेशिया और अन्य विकासशील देशों का समर्थन हासिल है।

First Published : December 15, 2024 | 9:52 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)