अर्थव्यवस्था

Fitch ने भारत को स्टेबल आउटलुक के साथ सबसे कम निवेश स्तर वाली ‘BBB-‘ रेटिंग पर रखा बरकरार

फिच ने कहा कि हाल ही में राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों की प्राप्ति, पारदर्शिता में बढ़ोतरी और राजस्व में उछाल से राजकोषीय विश्वसनीयता बढ़ी है।

Published by
भाषा   
Last Updated- August 29, 2024 | 6:39 PM IST

वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को भारत की साख को स्थिर परिदृश्य (stable outlook) के साथ ‘BBB-‘ पर बरकरार रखा। इस तरह भारत की रेटिंग सबसे कम निवेश स्तर ‘BBB-‘ पर बनी हुई है। यह अगस्त, 2006 के बाद की सबसे कम निवेश रेटिंग है।

फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा, “रेटिंग एजेंसी ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता चूक रेटिंग (ADR) को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘BBB-‘ पर बरकरार रखा है।”

बयान के मुताबिक, भारत की रेटिंग को इसके मध्यम अवधि के मजबूत वृद्धि परिदृश्य से समर्थन हासिल है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के हिस्से के साथ इसकी ठोस बाहरी वित्त स्थिति और इसके कर्ज प्रोफाइल के संरचनात्मक पहलुओं में सुधार को आगे बढ़ाएगा।

फिच ने कहा कि हाल ही में राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों की प्राप्ति, पारदर्शिता में बढ़ोतरी और राजस्व में उछाल से राजकोषीय विश्वसनीयता बढ़ी है। इससे इस बात की संभावना बढ़ी है कि मध्यम अवधि में भारत के सरकारी कर्ज में मामूली गिरावट आ सकती है। इसके बावजूद राजकोषीय आंकड़े भारत के ऋण परिदृश्य की कमजोरी बने हुए हैं। घाटा, ऋण और ऋण सेवा बोझ ‘BBB’ श्रेणी के अन्य देशों की तुलना में अधिक हैं।

शासन संकेतक और प्रति व्यक्ति जीडीपी में कमी भी रेटिंग पर असर डालती है। फिच रेटिंग्स ने भारत के वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में से एक बने रहने की उम्मीदों के बीच कहा, “हम वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाते हैं, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 8.2 प्रतिशत से थोड़ा कम है।

First Published : August 29, 2024 | 4:59 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)