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सरकार ने एमसीए21 मंच से संबंधित हितधारकों की शिकायतों के समाधान के लिए एक विशेष दल का गठन किया है।
एमसीए21 मंच कंपनियों और सीमित देयता भागीदारी कानूनों के तहत विभिन्न ‘फाइलिंग’ प्रस्तुत करने का एक प्रमुख मंच है। मंच का इस्तेमाल करने में हितधारकों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने मंच के संबंध में बुधवार को कहा कि उसके पास ईमेल, हेल्पडेस्क प्रणाली, टिकटिंग टूल, चैटबॉट और सोशल मीडिया मंच के जरिये हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं के लिए नियमित समीक्षा प्रणाली है।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘ तात्कालिक प्रकृति के मुद्दों के समाधान के लिए एक और कदम उठाते हुए विशेष दल का गठन किया गया है, जो शिकायतों के कुशल निपटान पर गौर करेगी। यदि आवश्यक हुआ तो प्रणालीगत समाधान सुझाएगी तथा हितधारकों को एमसीए21 मंच पर उनके अनुपालन के लिए बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करेगी।’’
कानून के तहत, कंपनियों और एलएलपी को आने वाले महीनों में मंत्रालय को 2023-24 की वार्षिक ‘फाइलिंग’ प्रस्तुत करनी होगी। देश में 17 लाख से अधिक सक्रिय कंपनियां हैं।
मंच, कंपनी अधिनियम और सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) अधिनियम के तहत विभिन्न दस्तावेजों की इलेक्ट्रॉनिक ‘फाइलिंग’ की अनुमति देता है। इन दोनों कानूनों को मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है।