सरकार ने 4.12 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध नकद खर्च के लिए मांगी संसद से मंजूरी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:26 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद से 4.12 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त नकदी के लिए मंजूरी की मांग की। यह चालू वित्त वर्ष में अनुदान के लिए सबसे बड़ी द्वितीयक पूरक मांग है।
यह कुल सकल अतिरिक्त वर्ष का हिस्सा है, जो मंत्रालयों के उपयोग न हो सके 2.15 लाख करोड़ रुपये की बचत के समायोजन के बाद बढ़कर 6.28 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
बहरहाल  इस सकल अतिरिक्त व्यय के लिए प्रावधान पहले ही 1 फरवरी को घोषित केंद्रीय बजट के संशोधित अनुमान में किया जा चुका है।
कुल नकदी प्रवाह में से 64,598 करोड़ रुपये आत्मनिर्भर भारत अभियान 3 के तहत उर्वरक सब्सिडी के बढ़े व्यय में जाएंगे और 20,466 करोड़ रुपये रक्षा सेवाओं के पूंजीगत आवंटन के लिए मांगे गए हैं।
सूत्रों ने कहा कि ज्यादा अनुदान की वजह मुख्य रूप से प्रोत्साहन पैकेजों के कारण है, जिसकी घोषणा महामारी के वक्त मेंं की गई थी। दूसरे इस वित्त वर्ष में केलव दो अनुदान मांग की गई है, जबकि 3 मांग होती है। यह शीतकालीन सत्र खत्म किए जाने के कारण हुआ है।
सड़क और परिवहन पर निवेश बढ़ाने के लिए 5,030 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय की मांग की गई है, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, भारतमामला परियोजना आदि के माध्यम से निवेश किया जाएगा। इसके अलावा सड़क विकास कार्यक्रमों के लिए 4,970 करोड़ रुपये की मांग की गई है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत भी 3,457 करोड़ रुपये नकदी की मांग की गई है।
कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा खर्च हेतु सरकार ने 1,497 करोड़ रुपये मांगे हैं, जिससे अतिरिक्त व्यय को पूरा किया जा सके।
दरअसल इसमें बजट में दिए गए खर्च से अतिरिक्त व्यय से जुड़े प्रस्ताव होते हैं। अतिरिक्त व्यय की भरपाई दो साधनों से होती है- सकल नकदी या नकदी पूरक और विभिन्न मंत्रालयों व विभागों की बचय या तकनीकी पूरक से।

First Published : February 12, 2021 | 12:09 AM IST