अब गुजरात एएआर ने पराठों को 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर के तहत रखा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 1:11 AM IST

खाद्य वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब गुजरात के  अथॉरिटी आफ एडवांस रूलिंग (एएआर) ने कहा है कि पराठे पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। 
आवेदक वाडीलाल इंडस्ट्रीज ने जानना चाहा था कि उनके द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले पराठे पर क्या रोटी और खाखरा की तरह ही 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। कंपनी ने विभिन्न इंग्लिश डिक्शनरी और विकीपीडिया के हवाले से पराठा शब्द की परिभाषा दी थी, क्योंकि यह जीएसटी कानून और उसके तहत आने वाले नियमों में परिभाषित नहीं किया गया है। उदाहरण के लिए मेरियाम वेब्सटर डिक्शनरी में पराठा के बारे में कहा गया है ‘बगैर खमीर वाली गेहूं की भारतीय रोटी, जिसे सामान्यतया तवे पर तला जाता है।’ 

बहरहाल अथॉरिटी ने कहा कि खाखरा, प्लेन चपाती या रोटी तैयार कर पकाई जाती है और खाने के लिए इसके प्रसंस्करण की जरूरत नहीं होती है। वहीं कंपनी द्वारा आपूर्ति किए जा रहे पराठे का न केवल उनसे अलग स्वरूप है, बल्कि खाने के लिए उसे आगे और पकाने की जरूरत होती है।
केपीएमजी में पार्टनर हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘इस रूलिंग के साथ रेडी टु ईट उत्पाद, बैटर और पैकेज्ड उत्पाद आदि को लेकर बहस शुरू हो गई है।’  

इसके पहले कर्नाटक एएआर ने कहा था कि गेहूं का पराठा और मालाबार पराठा रेडी टु ईट नहीं हैं क्योंकि इन्हें खाने के पहले गरम करना पड़ता है और इस श्रेणी के उत्पाद 18 प्रतिशत कर के दायरे में आते हैं। बाद में अपील प्राधिकरण ने यह रूलिंग इस आधार पर खारिज कर दिया कि आवेदक ने यह खुलासा नहीं किया था कि उसके खिलाफ जांच चल रही है। 
अगस्त में तमिलनाडु एएआर ने डोसा मिक्स, इडली मिक्स, टिफिन मिक्स, स्वीट मिक्स हेल्थ मिक्स और दलिया मिक्स को 18 प्रतिशत कर के दायरे में बताया था। 

First Published : September 10, 2021 | 1:15 AM IST