आर्थिक गतिविधियों में सुधार और खुदरा महंगाई में कमी देश की अर्थव्यवस्था की हालत सुधरने का इशारा कर रहे हैं। दिसंबर महीने में औद्योगिक
उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में मामूली तेजी ही आई है। दूसरी तरफ जनवरी में खुदरा महंगाई कम होकर पिछले 16 महीनों के निचले स्तर पर आ गई।
हालांकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आर्थिक सुधार की दर अभी भी कमजोर है और गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी नहीं थमी है, जिसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपना उदार रुख बरकरार रख सकता है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में सालाना आधार पर आईआईपी में 1 प्रतिशत सुधार हुआ और इससे पहले नवंबर में इसमें 2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। दूसरी तरफ खुदरा महंगाई दर लगातार तीसरे महीने कम होकर जनवरी में 4.06 प्रतिशत के स्तर पर आ गई। दिसंबर में खुदरा महंगाई 4.59 प्रतिशत रही थी,जबकि जनवरी 2020 में यह 7.59 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई थी।
इन आंकड़ों पर इंडिया रेटिंग्स में प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, ‘आर्थिक वृद्धि और महंगाई के आंकड़ों और आरबीआई के अनुमानों के मद्देनजर ऐसा लगता है कि केंद्रीय बैंक अपना उदार रवैया फिलहाल जारी रखेगा। हमें लगता है कि अगले 6 से 9 महीनों में नीतिगत दरें अपरिवर्तित रह सकती हैं।’
चालू वित्त वर्ष में अब तक केवल तीन महीनों में औद्येगिक उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों में तेजी देखी गई है। छह महीनों के लंबे अंतराल के बाद त्योहारों पर बढ़ी मांग के दम पर आईआईपी में सितंबर में तेजी आई थी। इससे कोविड-19 से बदहाल अर्थव्यवस्था में तेजी लौटने के संकेत मिलने लगे थे।
इक्रा रेटिंग्स की अदिति नायर ने कहा, ‘दिसंबर 2020 में औद्योगिक क्षेत्र में तेजी जरूर दिखी है, लेकिन इसकी रफ्तार 1.0 प्रतिशत के साथ कमजोर रही है। हम इसमें और तेजी आने की उम्मीद कर रहे थे। अर्थव्यवस्था की सेहत बताने वाले दूसरे पहलुओं ने भी सुधार के संकेत दिए हैं लेकिन आईआईपी में महज 1.0 प्रतिशत की तेजी आर्थिक सुधार मोटे तौर पर बहुत उत्साहजनक नहीं माना जा सकता है।’
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की अप्रत्याशित गिरावट देखी गई थी और दूसरी तिमाही में यह थोड़ी कम होकर 7.5 प्रतिशत रह गई। चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत गिरावट का अनुमान जताया गया है। नायर के अनुसार जनवरी 2021 में औद्योगिक गतिविधियों में थोड़ी और तेजी दिख सकती है। दिसंबर में विनिर्माण क्षेत्र में 1.6 प्रतिशत तेजी आई थी।
जनवरी में खाद्य महंगाई कम होकर महज 1.89 प्रतिशत रह गई, जो दिसंबर में 3.41 प्रतिशत रही थी। खुदरा महंगाई के आंकड़े मोटे तौर पर खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर निर्भर रहे हैं और इनका भारांश सूचकांक में 45 प्रतिशत से अधिक होता है।