भारतीय उद्योग परिसंघ के हाल के कारोबारी विश्वास सूचकांक (बीसीआई) से पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियां सामान्य की ओर बढऩे से कुल मिलाकर कारोबारी धारणा में सुधार हुआ है और वित्त वर्ष 21 के दूसरे सर्वे में बिक्री व निर्यात बढऩे से उम्मीदें बढ़ी हैं।
रविवार को जारी बीसीआई का स्तर जुलाई तिमाही में बढ़कर 50.3 पर पहुंच गया, जो कोरोनावायरस महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन की शुरुआत में अप्रैल तिमाही के 41 के ऐतिहासिक निचले स्तर से वापसी है। बीसीआई में दो प्रमुख अवयव अप्रैल-जून 2020 तिमाही का चालू स्थिति सूचकांक (सीएसआई) और जुलाई सितंबर 2020 तिमाही की उम्मीद को लेकर सूचकांक (ईआई) शामिल होता है। जुलाई सितंबर तिमाही में रिकवरी मुख्य रूप से ईआई में बढ़ोतरी की वजह से हुई है, जो तिमाही आधार पर 46 प्रतिशत बढ़ा है और यह 55.2 पर पहुंच गया है, कक्योंकि देशव्यापी लॉकडाउन के प्रतिबंध हटा लिए गए हैं और कारोबार धीरे धीरे खुलने शुरू हो गए हैं।
दूसरी तरफ सीएसआई 50 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 40.6 पर रहा, क्योंकि तिमाही के बड़े हिस्से में कारोबारी परिचालन पूरी तरह से बंद रहा और इसकी वजह से कारोबार की धारणा प्रभावित हुई।
अगस्त सितंबर के दौरान कराए गए सर्वे में देखा गया कि प्रतिक्रिया देने वाले करीब आधा लोगों ने यह अनुमान लगाया था कि दूसरी तिमाही में नए ऑर्डर (49 प्रतिशत) और बिक्री (46 प्रतिशत) में बढ़ोतरी होगी, हालांकि चल रही तिमाही में ज्यादातर के ऑर्डर में कमी आई है। ऐसे में क्षमता उपयोग का स्तर भी सुधरने की उम्मीद है। प्रतिक्रिया देने वालो मेंं 41 प्रतिशत ने कहा कि जुलाई सितंबर तिमाही में क्षमता का उपयोग 50 से 75 के उच्च स्तर पर रहेगा, जबकि 37 प्रतिशत को क्षमता का इस्तेमाल 75 से 100 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
सीआईआई के निदेशक चंद्रजित बनर्जी ने कहा, ‘इससे कारोबार की स्थिति में सुधार के संकेत मिलते हैं। बहरहाल रिकवरी चल रही है, वहीं सरकार के समर्थन और संकट के समय सहायता मिलने से इसमें तेजी आई है।’
आम आर्थिक पहलुओं के हिसाब से देखें तो एक तिहाई से ज्यादा (35 प्रतिशत) लोगों का माना है कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी में संकुचन 4 प्रतिशत से ज्यादा रहेगा। महंगाई के मोर्चे पर करीब आधे लोगों (46 प्रतिशत) का मानना है कि आपूर्ति के व्यवधानों के कारण महंगाई आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। ऐसे में प्रतिक्रिया देने वाले 37 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 21 के शेष महीनों में नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है।
कोविड ने जापान से संबंध बढ़ाने का अवसर दिया
कोविड-19 महामारी ने भारत और जापान को आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने का विशिष्ट अवसर दिया है। शार्दूल अमरचंद मंगलदास तथा उद्योग मंडल फिक्की ने एक रिपोर्ट में कहा है कि दोनों देश इस अवसर का लाभ उठाकर सॉफ्टवेयर विकास, आधुनिक प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कोविड-19 महामारी ने दोनों देशों और उनकी कंपनियों को हाथ मिलाने और भारत के जनसंख्या संबंधी लाभ उठाने को नया गठजोड़ बनाने का अवसर दिया है। बदलते आर्थिक वातावरण में इससे भारत को एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने का अवसर मिला है।’ रिपोर्ट कहती है कि जापान का कारोबारी समुदाय भारत में अपने निवेश और उपक्रमों को लेकर उत्साहित है। शार्दूल अमरचंद मंगलदास के कार्यकारी चेयरमैन शार्दूल एस श्रॉफ ने कहा, ‘हमें इस महामारी को भारत और जापान के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के अवसर के रूप में देखना चाहिए।’ भाषा