अर्थव्यवस्था

मंदिरों में मुंडन के बालों से 8 महीने में हजार करोड़ की कमाई, सरकार ने तय किया 5500 रूपये/किलो का रेट

भारत में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के अलावा पश्चिम बंगाल इस उद्योग का प्रमुख केंद्र है। भारत के प्रमुख प्रतिस्पर्धी चीन, कंबोडिया, वियतनाम और म्यांमा हैं।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 10, 2025 | 8:45 PM IST

सरकार ने सोमवार को 65 डॉलर प्रति किलोग्राम से कम कीमत वाले अपरिष्कृत मानव बालों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। सरकार ने जनवरी, 2022 में इन निर्यातों पर अंकुश लगाया था।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने अधिसूचना में कहा, ‘‘अपरिष्कृत मानव बालों की निर्यात नीति को अंकुश से संशोधित कर प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि, अगर निर्यात मूल्य 65 डॉलर प्रति किलोग्राम या उससे अधिक है, तो निर्यात किया जा सकता है।” म्यांमा और चीन जैसे देशों में अपरिष्कृत मानव बालों की तस्करी की खबरों के बाद यह निर्णय लिया गया, जिससे स्थानीय उद्योगों और निर्यात को नुकसान हो रहा था।

भारत में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के अलावा पश्चिम बंगाल इस उद्योग का प्रमुख केंद्र है। भारत के प्रमुख प्रतिस्पर्धी चीन, कंबोडिया, वियतनाम और म्यांमा हैं। भारत में दो तरह के बाल एकत्र किए जाते हैं – रेमी और नॉन-रेमी बाल। रेमी बाल, सबसे अच्छी श्रेणी के होते हैं, जिन्हें मंदिरों से एकत्र किया जाता है, जहां तीर्थयात्री धार्मिक मान्यता के तहत अपने बाल दान करते हैं। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से विग बनाने के लिए किया जाता है। नॉन-रेमी बाल गांवों और शहरों से एकत्र किया जाता है।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान निर्यात 12.39 करोड़ अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 12.4 करोड़ डॉलर था। इसे मुख्य रूप से म्यांमा को निर्यात किया जाता है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

 

First Published : February 10, 2025 | 8:45 PM IST