दर वृद्धि के मौजूदा माहौल में ऋण की अव​धि के बजाय ईएमआई बढ़ाने पर दें जोर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:01 PM IST

आवास ऋण पर ब्याज दरें एक बार फिर से बढ़ने वाली हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रीपो दर 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत कर दी है। इस नई वृद्धि के बाद, रीपो दर में मौजूदा दर वृद्धि चक्र में 140 आधार अंक तक का इजाफा हो चुका है।
आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस जैसे कुछ प्रख्यात संस्थानों ने आरबीआई की एमपीसी बैठक से कुछ दिन पहले अपनी ब्याज दरें बढ़ाई हैं। आरबीआई के कदम के बाद, संभी बैंक फिर से अपनी दरें बढ़ा सकते हैं जिससे आवास ऋण लेने वालों पर बोझ बढ़ जाएगा। अर्थशास्त्रियों और वित्तीय बाजार विश्लेषकों का मानना है ​कि आरबीआई ने अभी दर वृ​द्धि चक्र पूरा नहीं किया है। एचएसबीसी सिक्योरिटीज ऐंड कैपिटल मार्केट्स के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी द्वारा जारी एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, रीपो दर चालू कैलेंडर वर्ष के अंत तक बढ़कर 6 प्रतिशत पर पहुंच सकती है।
पड़ेगा त्वरित प्रभाव
20 साल की अव​धि वाले 50 लाख रुपये के ऋण पर 50 आधार अंक की ब्याज दर वृद्धि से ईएमआई में 1,545 रुपये तक का इजाफा हो जाएगा।
बैंकबाजार के मुख्य कार्या​धिकारी आदिल शेट्टी का कहना है, ‘यदि मुद्रास्फीतिकारी दबाव बना रहा तो जल्द ही रीपो दर 6 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। सबसे कम आवास ऋण दरें रीपो दर के मुकाबले करीब 250 आधार अंक ऊपर रही हैं। यदि यही दायरा समान बना रहता है तो आगामी दिनों में सबसे कम आवास ऋण दरें 5.4 प्रतिशत की रीपो दर के साथ 7.9 प्रतिशत के आसपास पहुंच जाएंगी, और यदि रीपो दर 6 प्रतिशत पर पहुंची तो आवास ऋण दर 8.5 प्रतिशत हो जाएगी।‘

मौजूदा कर्जदारों के लिए विकल्प
यदि आप मौजूदा ग्राहक हैं तो घबराएं नहीं। आवास ऋण 15 साल और इससे अ​धिक की अव​धि के होते हैं। इस दौरान आपको कई ब्याज दर चक्र से गुजरना होगा।
पैसाबाजार के मुख्य कार्या​धिकारी एवं सह-संस्थापक नवीन कुकरेजा का कहना है, ‘कर्जदार वित्तीय संस्थान की सहमति के साथ या तो ऋण अव​​धि बढ़ाने या ईएमआई में इजाफा कराने का विकल्प चुन सकते हैं। ऋण अव​​धि में वृ​द्धि से ईएमआई बढ़ाने के विकल्प के मुकाबले ज्यादा ब्याज चुकाना होगा। मौजूदा आवास उधारकर्ताओं को अतिरिक्त रकम का इस्तेमाल अपने आवास ऋण की पूर्व अदायगी में करना चाहिए और इससे ऋण अव​धि घटने से ब्याज में बचत होगी। ‘ जब भी आपको बोनस मिले या पुराने निवेश से रा​शि प्राप्त हो, उसे आवास ऋण घटाने में और ऋण अव​धि कम करने में इस्तेमाल करें।  
कर्जदार ऋण महंगा लगने पर बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प भी अपना सकते हैं। कुकरेजा का कहना है कि अच्छे क्रेडिट प्रोफाइल वाले ग्राहकों को अन्य ऋणदाताओं से काफी कम दरों पर ऋण लेने में मदद मिल सकती है।
क्या करें नए कर्जदार
आवास ऋण ले ने की योजना बना रहे लोगों को अब अपनी पुनर्भुगतान क्षमता को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होगी। जहां ब्याज दरें हमेशा नहीं बढ़ेंगी, वहीं उन्हें इनमें जल्द नरमी की भी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। शेट्टी का कहना है, ‘अपनी स्वयं की क्षमता का आकलन करें। कुछ अवसरों पर ब्याज दरें कम होंगी और हालात अच्छे भी होंगे। आपको वित्तीय ​स्थिति में फंसे बगैर भुगतान की क्षमता के साथ तैयार रहना होगा।’

First Published : August 6, 2022 | 2:05 AM IST