वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और UK के व्यापार और उद्योग सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स
भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने सोमवार को प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत फिर से शुरू करने की घोषणा की। इस बातचीत के तहत में मौजूदा 20 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को अगले 10 सालों में दोगुना या तिगुना करने की उम्मीद है। इसकी घोषणा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और UK के व्यापार और उद्योग सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने दी।
बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, “आज, भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की दिशा में वार्ता फिर से शुरू कर दी है।”
दोनों पक्षों ने एक संतुलित, एक दूसरे के लिए लाभकारी और भविष्य को देखते हुए एक मजबूत समझौते की दिशा में बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। इससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलेगी। इस व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने से दोनों देशों में व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए नए अवसर खुलने की संभावना है और यह पहले से मौजूद गहरे संबंधों को और मजबूत करेगा।
मीडिया को जानकारी देते हुए गोयल ने कहा कि यह समझौता “ऐतिहासिक” होगा और यह “हमारे मौजूदा 20 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को अगले 10 सालों में 2 से 3 गुना बढ़ाने के लिए अवसर देगा।” जब उनसे वार्ता पूरी करने की समयसीमा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि किसी अच्छे समझौते को पूरा करने के लिए कोई समय ज्यादा जल्दी या ज्यादा देर से नहीं होता, क्योंकि ये समझौते लंबे भविष्य के लिए होते हैं।
उन्होंने कहा, “हमें 20-30-50 साल आगे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत समझौता बनाना है, जो दोनों पक्षों के लिए लाभदायक हो। इसलिए, हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन वार्ता तेजी से पूरी होनी चाहिए।”
रेनॉल्ड्स ने कहा कि यह समझौता UK की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है और यह लंबे भविष्य से जुड़ा हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि क्या Bilateral Investment Treaty (BIT) की वार्ता भी FTA के साथ पूरी होगी, तो गोयल ने कहा कि दोनों देश तीन अलग-अलग मोर्चों पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “ये तीनों समझौते समानांतर और एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।”
गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि आप्रवासन (Immigration) कभी भी व्यापार वार्ताओं का हिस्सा नहीं रहा है और भारत ने किसी भी FTA वार्ता में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की है।
इस पर रेनॉल्ड्स ने कहा कि UK भारत के साथ अपने मजबूत और महत्वपूर्ण संबंधों का स्वागत करता है, चाहे वह भारतीय छात्रों के UK में अध्ययन के रूप में हो या व्यवसायों में योगदान के रूप में। गोयल ने यह भी बताया कि अमेरिका, UK, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा, “इनमें से लगभग सभी देशों में शिक्षा, व्यापार और लोगों को आकर्षित करने के लिए छात्रों को एक निश्चित अवधि के लिए काम करने की अनुमति दी जाती है। यह अल्पकालिक व्यापार कार्य वीजा (Short-term Business Work Visa) के तहत आता है और इसे आप्रवासन (Immigration) से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।”
भारत और UK के बीच FTA वार्ता 13 जनवरी 2022 को शुरू हुई थी। इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है।
ऐसे समझौतों में, दोनों देश अधिकांश वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी खत्म कर देते हैं या कम कर देते हैं। इसके अलावा, व्यापारिक सेवाओं और द्विपक्षीय निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों को सरल बनाया जाता है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत और UK के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 21.34 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2022-23 में 20.36 अरब अमेरिकी डॉलर था। UK, भारत का छठा सबसे बड़ा निवेशक (6th Largest Investor) है। अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के बीच भारत को UK से कुल 35.3 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ है।