उभरते बाजारों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगा भारत

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:41 AM IST

मॉर्गन स्टैनली की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में भारतीय इक्विटी का प्रदर्शन उभरते बाजारों के मुकाबले बेहतर रहेगा और इसमें देसी साइक्लिकल शेयरों के अलावा दरों के प्रति संवेदनशील शेयरों पर दांव लगाने की सलाह दी गई है। रिसर्च व ब्रोकिंग फर्म ने हालांकि दिसंबर 2021 का एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स का लक्ष्य 55,000 के स्तर पर अपरिवर्तित रखा है, जो मौजूदा स्तर से करीब 10 फीसदी ज्यादा है।
मॉर्गन स्टैनली के भारतीय शोध प्रमुख व इक्विटी रणनीतिकार रिधम देसाई ने शीला राठी व नयंत पारिख के साथ लिखी रिपोर्ट में कहा है, बीएसई सेंसेक्स के लिए हमारा लक्ष्य 55,000 है, जिसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। यह बताता है कि बीएसई सेंसेक्स फॉरवर्ड पीई 17.5 गुना और पिछले पीई 21.2 गुने पर कारोबार करेगा, जो 25 साल के औसत 19.7 गुने से ज्यादा है। एतिहासिक औसत से प्रीमियम मध्यम अवधि में भारत के बढ़त चक्र को लेकर ज्यादा भरोसे को प्रतिबिंबित करता है। हम वैश्विक उभरते बाजारों के संदर्भ में भारत को लेकर ओवरवेट हैं।

तेजी के दौर के परिदृश्य (30 फीसदी संभावना) में मॉर्गन स्टैनली सेंसेक्स को 61,000 के स्तर पर पहुंचता देख रही है, जो मौजूदा स्तर से करीब 22 फीसदी ज्यादा है। उधर, मंदी का परिदृश्श्य रहा तो (जिसकी संभावना 20 फीसदी है) तो दिसंबर 2021 तक सेंसेक्स 41,000 के स्तर पर होगा।
मॉर्गन स्टैनली ने कहा, हमारे 16 अग्रणी संकेतक और छह संयोग (पिछडऩे वाले संकेतक) बताते हैं कि साल 2021 की दूसरी छमाही में बाजार का आउटलुक सुधरेगा। यह शेयर के चयन वाला बाजार है। हमें देसी साइक्लिकल, दरों के प्रति संवेदनशील शेयर, वैश्विक साइक्लिकल, रक्षात्मक निर्यातक और मिडकैप, लार्जकैप और स्मॉलकैप पसंदीदा हैं और इनका क्रम भी इसी तरह है।
कोविड की लहर और बाजार

मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर शायद अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है और अब बाजार देख रहा है कि कितनी तेजी से संक्रमण की दर घटती है, साथ ही टीकाकरण की रफ्तार कितनी तेज रहती है। कोविड के चलते हुए लॉकडाउन और आवाजाही पर पाबंदी से कंपनियों की आय प्रभावित हो सकती है, पर बाजार इस अवरोध पर नजर डाल सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, भारत दो तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है – टीके की तात्कालिक किल्लत और टीका लेने के लिए लोगों को समझाना। मार्जिन के मोर्चे पर इक्विटी बाजार टीके की आपूर्ति का आकलन करेगा। वित्त वर्ष 22 व वित्त वर्ष 23 के लिए आय परिदृश्य पर हमारा नजरिया अपरिवर्तित है, जो हमने साल के शुरू में कहा था।
मॉर्गन स्टैनली कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी, इंडस्ट्रियल्स, वित्त्तीय क्षेत्र और यूटिलिटीज पर तेजी का नजरिया बनाए हुए है। साथ ही मैटीरियल व कंज्यूमर स्टेपल्स पर वह तटस्थ है। इशके अलावा कम्युनिकेशन सर्विसेज, एनर्जी, हेल्थकेयर और तकनीकी क्षेत्र पर वह अंडरवेट है।
उपभोग को झटका

इस बीच, विश्लेषकों का कहना है कि लॉकडाउन में संभावित विस्तार से कुल उपभोग पर असर पड़ सकता है क्योंंकि कोविड का संक्रमण ग्रामीण भारत को अपनी चपेट में ले चुका है। विश्लेषकों का यह भी मानना है कि बाध्यकारी या अस्वैच्छिक बचत की जगह ऐहतियाती बचत ले रही है, वहीं पिछले साल की कुछ मांग समाप्त होती दिख रही है।

First Published : May 19, 2021 | 12:31 AM IST