भारत की एफडीआई रैंकिंग में हुआ सुधार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:23 PM IST

संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) के अनुसार देश में एफडीआई प्रवाह में गिरावट के बावजूद कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के शीर्ष प्राप्तकर्ताओं के बीच भारत की रैंकिंग एक पायदान चढ़कर सातवें स्थान पर पहुंच गई है।
गुरुवार को जारी अपनी नवीनतम विश्व निवेश रिपपोर्ट में अंकटाड ने कहा कि भारत में एफडीआई प्रवाह वर्ष 2021 में घटकर 45 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले वर्ष में 64 अरब डॉलर था। जहां एक ओर अमेरिका (367 अरब डॉलर) एफडीआई का शीर्ष प्राप्तकर्ता बना रहा, वहीं दूसरी ओर चीन (181 अरब डॉलर) और हॉन्गकॉन्ग (141 अरब डॉलर) ने भी क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान बरकरार रखा। एफडीआई के लिहाज से 10 प्रमुख मेजबान अर्थव्यवस्थाओं में केवल भारत को ही अपने एफडीआई प्रवाह में गिरावट नजर आई है। हालांकि भारत से बाहर किया जाने वाला एफडीआई वर्ष 2021 में 43 प्रतिशत बढ़कर 15.5 अरब डॉलर हो गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रवाह घटकर 45 अरब डॉलर रह गया है। हालांकि देश में नई अंतरराष्ट्रीय परियोजना के वित्तीय सौदों के दौर की घोषणा की गई। पिछले 10 वर्षों में औसतन 20 परियोजनाओं की तुलना में 108 परियोजनाएं रहीं। इन परियोजनाओं में सबसे अधिक संख्या (23) नवीकरणीय ऊर्जा में रही। बड़ी परियोजनाओं में आर्सेलर मित्तल-निप्पॉन स्टील (जापान) द्वारा भारत में 13.5 अरब डॉलर के इस्पात और सीमेंट संयंत्र का विनिर्माण और सुजूकी मोटर (जापान) द्वारा 2.4 अरब डॉलर के कार विनिर्माण के नए केंद्र निर्माण शामिल है।
अंकटाड ने कहा कि पिछले साल वैश्विक एफडीआई प्रवाह सुधरकर कोविड से पहले वाले स्तर पर आ गया, जो 64 प्रतिशत बढ़कर 1.6 लाख करोड़ डॉलर हो गया, लेकिन इस साल की संभावना खराब है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल कारोबार और निवेश का माहौल काफी बदल गया है, क्योंकि यूक्रेन में युद्ध के परिणामस्वरूप खाद्य और ईंधन की कीमतें अधिक तथा वित्तपोषण की तंगी के रूप में तीहरा संकट हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक मुनाफे के बावजूद विदेशों में नई परियोजनाओं में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश पिछले साल महामारी के स्तर से 20 प्रतिशत कम रहा और विकासशील देशों के मामले में ग्रीनफील्ड घोषणाओं का मूल्य सपाट रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंकटाड का पूर्वानुमान है कि वर्ष 2021 की विकास की रफ्तार को बरकरार नहीं रखा जा सकता है और वर्ष 2022 में वैश्विक एफडीआई प्रवाह नीचे आने के आसार हैं, जो अपने सर्वोत्तम स्तर पर सपाट रहेगा।

First Published : June 10, 2022 | 12:23 AM IST