लगातार तीसरे महीने घटा औद्योगिक उत्पादन

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 5:01 AM IST

देश के औद्योगिक उत्पादन में मई में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई है। कोविड लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप होने से अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 57.6 फीसदी लुढ़का था और मई में यह 34.7 फीसदी सिकुड़ा है। हालांकि लॉकडाउन से पहले भी आईपीपी में गिरावट का रुख बना हुआ था और मार्च में इसमें 18.3 फीसदी की कमी आई थी।
अप्रैल और मई में पूरी तरह लॉकडाउन रहने की वजह से सरकार ने एक बार फिर केवल औद्योगिक उत्पादन
के लिए सूचकांक के आंकड़े जारी किए हैं और उपरोक्त आंकड़े इसी से निकाले गए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया कि अप्रैल में करीब शून्य उत्पादन के बाद लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील मिलने से औद्योगिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने कहा कि अभी सुधार को लेकर खुश होने की जरूरत नहीं है।
इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘मई 2020 के आईआईपी आंकड़े हमारे उस अनुमान की पुष्टि करते हैं कि अप्रैल में आर्थिक गतिविधि पूरी तरह प्रभावित होने के बाद आने वाले महीनों में इसमें धीरे-धीरे सुधार होगा। हालांकि संक्रमण के बढ़ते मामले और कई राज्यों द्वारा स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने से स्थिति सामान्य होने में वक्त लग सकता है। हमारे विचार से आने वाले महीनों में आर्थिक गतिविधियों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।’ आईआईपी के सभी क्षेत्रों – खनन, विनिर्माण तथा बिजली उत्पादन में पिछले महीने की तरह की संकुचन देखा गया।
सूचकांक में 78 फीसदी भारांश वाले विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन मई में 39.3 फीसदी घटा जबकि अप्रैल में इसमें 67.1 फीसदी की गिरावट आई थी। मार्च में भी इस क्षेत्र का उत्पादन 22.4 फीसदी घटा था। केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि देशव्यापी लॉकडाउन और इसके बाद आर्थिक गतिविधियां सीमित स्तर पर शुरू करने की अनुमति मिलने से सभी उद्योगों पर असर हुआ है। विभिन्न राज्यों में परिवहन और श्रमिकों को लेकर अलग-अलग नियम-कायदों ने हालात और बिगाड़ दिए। हालांकि गैर-जरूरी वस्तुओं की आवाजाही की अनुमति जरूर दी गई, लेकिन माल ढुलाई और श्रमिकों की उपलब्धता अहम चुनौती बनी रही।’
विनिर्माण क्षेत्र में 23 उप-खंडों में से एक को छोड़कर लगभग सभी में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गई। दवाओं का निर्यात बढऩे और सैनिटाइजर एवं वायरस से बचाव के उपकरणों की मांग बढऩे से दवा क्षेत्र 2.45 फीसदी तेजी हासिल करने में कामयाब रहा।

First Published : July 10, 2020 | 10:34 PM IST