घटते औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) ने सरकार की पेशानी पर भी बल डाल दिए हैं। इस बात से सरकारी हलकों में चिंता का माहौल बना हुआ है।
नवंबर में भी इसके घटने के आसार जताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि अक्टूबर महीने में आईआईपी नकारात्मक रही।
वाणिज्य सचिव जी. के. पिल्लै ने कहा है कि सरकार इस बात को बहुत गंभीरता से ले रही है। उन्होंने इसकी वजह वैश्विक आर्थिक मंदी को ही बताया।
वाणिज्य सचिव का कहना है कि सचिवों की समिति और प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।