ईंधन और कुछ खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर 20 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 0.23 फीसदी घटकर 6.38 फीसदी हो गई।
महंगाई का दबाव कम होने से भारतीय रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दरों में और कमी करना आसान हो सकता है, ताकि आर्थिक वृध्दि दर को ऊंचा बनाए रखने में मदद मिल सके।
पिछले सप्ताह मुद्रास्फीति 6.61 फीसदी और पिछले वर्ष के समान सप्ताह में यह 3.74 फीसदी थी। सरकार द्वारा एक जनवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार विमान ईंधन के 13 प्रतिशत, तारकोल 7 प्रतिशत , लाइट डीजल 6 प्रतिशत और फर्नेस ऑयल के तीन फीसदी सस्ता होने से ईंधन वर्ग का थोक मूल्य सूचकांक 0.5 फीसदी कम हुआ।
आयातित खाद्य तेल, नमक, सीमेंट, लोहा और इस्पात के दामों में गिरावट रही। इस दौरान मक्का, बाजरा, ज्वार जैसे मोटे अनाजों, गुड़ और न्यूजप्रिंट की कीमतों में तेजी रही। गत 25 अक्टूबर के अंतिम आंकड़ों पर आधारित गणना में उस सप्ताह मुद्रास्फीति की दर पहले जारी 10.72 फीसदी के स्तर पर बनी रही।