वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि जापानी सरकार ने भारत में विभिन्न सेक्टर में नौ परियोजनाओं के लिए लगभग 12,800 करोड़ रुपये (232.209 बिलियन येन) का लोन देने का वादा किया है।
परियोजनाओं में उत्तर पूर्व में सड़क कनेक्टिविटी में सुधार, तेलंगाना में स्टार्ट-अप और इनोवेशन को प्रमोट करना, चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड का निर्माण, हरियाणा में स्थायी बागवानी को बढ़ावा देना और राजस्थान में जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया और ईकोसिस्टम सेवाओं को बढ़ाना शामिल है।
सड़क नेटवर्क परियोजनाओं का लक्ष्य उत्तर पूर्व में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, सड़क नेटवर्क परियोजनाओं का लक्ष्य उत्तर पूर्व में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना है, जबकि चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड परियोजना का लक्ष्य राज्य के दक्षिणी हिस्से में यातायात की भीड़ को कम करना और कनेक्टिविटी में सुधार करना है।
उन्होंने कहा, आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव विकास शील और भारत में जापान के राजदूत सुजुकी हिरोशी ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। नागालैंड में परियोजना यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज पर ध्यान देने के साथ चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाएगी, जबकि तेलंगाना में एक अनूठी परियोजना विशेष रूप से महिलाओं और ग्रामीण आबादी के बीच उद्यमशीलता स्किल (entrepreneurial skills) को बढ़ावा देगी और छोटे बिजनेस को सपोर्ट करेगी।
नई रेलवे प्रणाली का किया जाएगा निर्माण
उन्होंने आगे कहा, समर्पित माल गलियारा परियोजना (dedicated freight corridor project) के पांचवें फेज में विशेष रूप से माल ढुलाई के लिए एक नई रेलवे प्रणाली का निर्माण किया जाएगा और रसद प्रणाली का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिससे ज्यादा माल ढुलाई को संभालने में मदद मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा, भारत और जापान के बीच 1958 से सहयोग का एक मजबूत इतिहास रहा है। हाल के सालों में उनकी आर्थिक साझेदारी लगातार बढ़ी है। इन परियोजनाओं के लिए नोटों के आदान-प्रदान से उनकी रणनीतिक साझेदारी बढ़ेगी। (भाषा के इनपुट के साथ)