भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां दिसंबर में कुछ सुस्त पड़ गईं। महामारी की तीसरी लहर के प्रसार के डर से ग्राहकों की धारणा व उत्पादन प्रभावित होने के कारण नवंबर में 10 माह के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद दिसंबर में विनिर्माण 3 माह के निचले स्तर पर हैं।
विश्लेषण फर्म आईएचएस मार्किट की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) दिसंबर में गिरकर 55.5 पर पहुंच गया, जो नवंबर में 57.6 था। पीएमआई यदि 50 के ऊपर रहता है, तो उसे विस्तार माना जाता है जबकि 50 के नीचे आने पर उसे संकुचन की श्रेणी में रखा जाता है।
आंकड़ों के विश्लेषण करने वाली फर्म ने कहा, ‘कंपनियों ने स्टॉक बनाने की पहल जारी रखी है, क्योंकि खरीदारी में एक और तेज बढ़ोतरी के संकेत हैं। कारोबारी विश्वास मजबूत हुआ है, लेकिन आपूर्ति शृंखला में व्यवधान, कोविड-19 और महंगाई के दबाव को लेकर धारणा एक बार फिर कमजोर पड़ गई है।’
इनपुट लागत में तेज बढ़ोतरी हुई है, इसके बावजूद दिसंबर में महंगाई की दर 3 माह के निचले स्तर पर आ गई। कंपनियों ने महंगाई के अतिरिक्त बोझ को ग्राहकों पर नहीं डाला और फैक्टरी गेट चार्ज की वृद्धि सुस्त है।
मजबूत मांग की खबरों, बेहतर बाजार और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार में नए ग्राहक मिलने से विनिर्माताओं ने पाया कि दिसंबर के दौरान नए ऑर्डर में और बढ़ोतरी होगी। आईएचएस मार्किट ने कहा, ‘बढ़ोतरी तेज रही, भले ही यह सितंबर के बाद निचले स्तर पर है। इसी तरह से उत्पादन में तेजी है, भले ही वह 3 माह में सबसे कमजोर है।’
आईएचएस मार्किट की एसोसिएट निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलियाना डी लीमा के मुताबिक विनिर्माता वर्ष 2022 में भी उत्पादन वृद्धि जारी रहने की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन कारोबारी धारणा महामारी के संभावित असर और महंगाई दर के दबावों एवं आपूर्ति गतिरोधों से कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘महंगाई के दबाव के संकेत कमजोर पडऩे लगे थे, लेकिन कंपनियों में यह भरोसा नहीं है कि ऐसी धारणा जारी रहेगी। दिसंबर में कमजोर होने के बावजूद इनपुट लागत की महंगाई अभी भी तेज है, जो करीब साढ़े सात साल के उच्च स्तर पर है। दिसंबर में मामूली बदलाव के साथ ज्यादातर फर्मों ने बिक्री मूल्य पूर्ववत रखने का फैसला किया है, जिससे बिक्री में तेजी जारी रह सके।’
30 दिसंबर के हाल के गूगल मोबिलिटी डेटा के मुताबिक दिल्ली में रिटेल और रिक्रिएशन, सार्वजनिक परिवहन, कार्यस्थल जाने की गतिविधि क्रमश: 19 प्रतिशत, 7 प्रतिशत और 17 प्रतिशत कम हुई है। बहरहाल नोमुरा इंडिया कारोबार बहाली सूचकांक 2 जनवरी को समाप्त सप्ताह में बढ़कर 120.3 पर पहुंच गया है, जो पिछले सप्ताह के 120.2 से ऊपर है।
नोमुरा ने एक बयान में कहा, ‘भारत तीसरी लहर की चपेट में आता नजर आ रहा है। रोजाना के नए मामले बढ़कर कल 33,750 पर पहुंच गए, जो एक सप्ताह पहले करीब 6,500 थे। महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल सबसे आगे हैं, लेकिन अन्य राज्यों में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अब तक 1,700 ओमीक्रोन के मामलों की पुष्टि हो चुकी है।’