आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का मापन करने वाले प्रमुख क्षेत्र सूचकांक में जनवरी महीने में 0.1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। इससे महामारी के झटके के बाद असमान रिकवरी के संकेत मिलते हैं। शुक्रवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आठ प्रमुख क्षेत्रों में से 5 के उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है। जनवरी में प्रमुख क्षेत्र के उत्पादन में वृद्धि दिसंबर के 0.2 प्रतिशत विस्तार की तुलना में कम और उसके पहले के दो लगातार महीनों की तुलना में संकुचित रही है। दरअसल दिसंबर के आंकड़े पहले अनुमानित 0.3 प्रतिशत संकुचन से संशोधित किया गया था।
आईआईपी में इस सूचकां का अधिभार 40.27 प्रथिसत है और इसमें आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्र- कोयला, बिजली, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, स्टील, सीमेंट, उर्वरक और रिफाइनरी उत्पाद शामिल होते हैं।
इक्रा रेटिंग्स में प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘प्रमुख क्षेत्र, वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात और ऑटो आउटपुट के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर हमारा अनुमान है कि औद्योगिक उत्पादन सूचकां जनवरी 2021 में 0.5 से 1.5 प्रतिशत के बीच सीमित रहेगा।’
प्रमुख क्षेत्र के सूचकांक को उर्वरक, स्टील और बिजली क्षेत्र के प्रदर्शन का लाभ मिला है, जिनमें क्रमश: 2.7 प्रतिशत, 2.6 प्रतिशत और 5.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और सीमेंट के उत्पादन में क्रमश: 1.8 प्रतिशत, 4.6 प्रतिशत, 2 प्रतिशत, 2.6 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत का संकुचन आया है। कोयले के उत्पादन में गिरावट की प्रमुख वजह पिछले साल का ज्यादा आधार हैै, जब उत्पादन में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। अप्रैल से जनवरी में 8 प्रमुख क्षेत्र के सूचकांक में 8.8 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 0.8 प्रतिशत का प्रसार हुआ था।इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा, ‘प्रमुख बुनियादी उद्योगोंं में कमजोरी का असर कुल औद्योगिक उत्पादन पर पड़ता है। अगर प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि को जनवरी 2021 के आईआईपी वृद्धि का सूचक मानें तो यह बमुश्किल धनात्मक क्षेत्र में आने में सफल हो पाएगा।’ वित्त वर्ष 21 में प्रमुख बुनियादी उद्योगों में वृद्धि सिर्फ तीन महीनों सितंबर, दिसंबर और जनवरी में दर्ज की गई है।
राजकोषीय घाटा जनवरी अंत में बढ़कर 12.34 लाख करोड़ रुपये
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जनवरी के अंत में चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के 66.8 प्रतिशत यानी 12.34 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। एक साल पहले जनवरी अंत में राजकोषीय घाटा संशोधित बजट अनुमान के 128.5 प्रतिशत पर था।
महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2021 के अंत में सरकार का राजकोषीय घाटा जनवरी 2021 की समाप्ति पर 12,34,004 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 मार्च तक सरकार का राजकोषीय घाटा 18.48 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के दौरान कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिये लॉकडाउन लगाया गया जिसका कारोबारी गतिविधियों पर गहरा प्रभाव पड़ा और परिणामस्वरूप सरकार की राजस्व प्राप्ति भी कम रही। सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2021 तक सरकार को 12.83 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। भाषा