अर्थव्यवस्था

अगले 13-14 महीनों तक रीपो रेट में कटौती की गुंजाइश नहींः एक्सिस बैंक अर्थशास्त्री

एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि मुद्रास्फीति पर आरबीआई के दृष्टिकोण की वजह से ‘अगले 13-14 महीनों’ तक ब्याज दरों में कटौती कर पाना संभव नहीं होगा।

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भाषा   
Last Updated- December 12, 2024 | 6:16 AM IST

एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने बुधवार को कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ने से फरवरी में होने वाली अगली मौद्रिक समीक्षा के साथ अगले वित्त वर्ष में भी नीतिगत ब्याज दर में कटौती की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है।

एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नेतृत्व में बदलाव से नीतिगत दर के रुख पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और संस्थागत क्षमता बहुत मजबूत है।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर आरबीआई के दृष्टिकोण की वजह से ‘अगले 13-14 महीनों’ तक ब्याज दरों में कटौती कर पाना संभव नहीं होगा। उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 में औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई। मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अगले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही को छोड़कर प्रमुख मुद्रास्फीति 4.5-5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। ऐसी स्थिति में नीतिगत दरों में कटौती के लिए आरबीआई के पास बहुत कम गुंजाइश बचेगी।

उन्होंने कहा कि अगर आरबीआई वृद्धि को तेज करने के लिए अपनी प्रमुख दरों में 0.50 प्रतिशत की भी कटौती करता है तो यह वृद्धि में मदद के लिए ‘निर्णायक’ कदम नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप दरों में कटौती का कदम बढ़ाते हैं तो यह निर्णायक होना चाहिए। आधा प्रतिशत की कटौती न तो इधर है और न ही उधर।’

First Published : December 12, 2024 | 6:16 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)