एनआरआई ने ज्यादा पैसा भारत भेजा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 8:51 PM IST

प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) द्वारा भारत में नकदी विप्रेषण में पिछले दो वर्षों के दौरान लगभग 68 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।


विदेश मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार एनआरआई ने साल 2007-08 के दौरान 42.6 अरब डॉलर विप्रेषित किए जबकि साल 2005-06 में यह राशि 25 अरब डॉलर थी। भारत में विदेशी निवेश बढ़ने के साथ ही विदेशों में भारत के निवेश में बढ़ोतरी हो रही है।

साल 2005-06 में यह निवेश जहां 13.5 अरब डॉलर का था वहीं साल 2007-08 के दौरान यह 30 प्रतिशत बढ क़र 17.9 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक की योजनाओं और डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से देश में पूंजी का प्रवाह बढ़ा है।

मंत्रालय के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक की योजनाओं में एनआरआई ने अपना निवेश बढ़ाया है। अकेले पिछले साल सितंबर में 5,130 लाख डॉलर का निवेश किया गया है जो दिसंबर 2006 के बाद का सबसे बड़ा निवेश है।

चेन्नई में आज शुरू हुए सातवें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में जारी किए गए थीम पेपर में कहा गया है कि विदेशी सीधे निवेश (एफडीआई) के मामले में साल 2007-08 के दौरान पूंजी का प्रवाह 25 अरब डॉलर से अधिक का रहा और यह प्रक्रिया इस साल की पहली तिमाही में जारी है।

वैश्विक आर्थिक संकट के बावजूद इस तिमाही में अब तक 10 अरब डॉलर का निवेश किया जा चुका है। जिन क्षेत्रों में निवेश किया गया उनमें विनिर्माण, टेलीकॉम, निर्माण, रियल एस्टेट और ऊर्जा शामिल हैं।

एफडीआई बढ़ने के साथ-साथ विदेशों में किए जा रहे भारतीय निवेश भी रफ्तार पकड रहा है। साल 2007-08 में यह निवेश 30 प्रतिशत बढ़ कर 17.9 अरब डॉलर हो गया जबकि साल 2006-07 में यह 13.5 अरब डॉलर था।

अंकटाड के विश्व निवेश रिपोर्ट 2007 के अनुसार, भारत द्वारा विदेशों में किया गया निवेश ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर रहा। यह पिछले साल के मुकाबले चार गुना अधिक था।

इन निवेशों का महत्वपूर्ण हिस्सा विदेशी कंपनियों के अधिग्रहण में लगाया गया। इससे कंपनियों की पहुंच विदेशी बाजारों में बढ़ी हैं।

भारतीय कंपनियों ने विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों में 322 सौदे किए जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने भारत में 340 सौदों को अंजाम दिया।

साल 2007-08 में प्रवासी भारतीयों ने भारत में 42.6 अरब डॉलर भेजे जबकि साल 2005-06 में यह राशि 25 अरब डॉलर की थी।

First Published : January 8, 2009 | 10:45 PM IST