राष्ट्रीय राजधानी में करीब तीन हफ्तों से पेट्रोल और डीजल के खुदरा भाव में बदलाव नहीं आया है जबकि इस दौरान वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में 5 डॉलर प्रति बैरल की कमी आ चुकी है। तेल क्षेत्र के विश्लेषकों के मुताबिक यह तेल विपणन कंपनियों की मार्जिन को बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए बफर तैयार करने का एक प्रयास हो सकता है।
कच्चे तेल के दाम घटने के बावजूद देश भर में पेट्रोल और डीजल की बिक्री रिकॉर्ड उच्च स्तरों पर हो रही है। 17 जुलाई से पेट्रोल का भाव 101.84 रुपये प्रति लीटर और 15 जुलाई से डीजल का भाव 89.87 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है। इस दौरान कच्चे तेल की सबसे प्रचलित श्रेणी ब्रेंट का भाव 19 जुलाई के 68.74 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 30 जुलाई को 75.38 डॉलर प्रति बैरल हो गया और 4 अगस्त को घटकर 70.27 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शुक्रवार को ब्रेंट 71.86 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
सामान्यतया, पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें न केवल कच्चा तेल के ताजा भाव में बदलाव पर निर्भर करती हैं बल्कि यह विनिमय दर में फेरबदल, पेट्रोल और डीजल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें और तेल विपणन कंपनियों द्वारा लगाए गए विपणन मार्जिन पर भी निर्भर करती हैं। इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में तेल और गैस विश्लेषक भानु पाटनी ने कहा, ‘सामान्यतया मौजूदा खुदरा कीमतें इन अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर हैं जो सामान्य रूप से कच्चे तेल की कीमतों में घटबढ़ को दर्शाता है और पिछले 15 दिन के रोलिंग औसत पर आधारित होता है।’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, कीमतों में बदलाव नहीं होने का मतलब यह भी है कि तेल विपणन कंपनियां उच्च विपणन मार्जिन बना रहीं हैं ताकि कच्चे तेल की उच्च कीमतों के कारण जब मार्जिन नहीं बढ़ाया जा सके तो उसकी भरपाई हो जाए।’
मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत में फेरबदल के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर पूछे एक प्रश्न की प्रतिक्रिया में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार सुराणा ने कहा, ‘उत्पाद की कीमतें आपूर्ति और मांग पर भी निर्भर करती हैं। ऐसे में चूंकि लॉकडाउन के खुलने से खपत बढ़ी है जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी मजबूत हो रही हैं। कीमतें कुछ समय से अपरिवर्तित हैं और अंतरराष्ट्रीय कारक ऐसे ही रहते हैं तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें मौजूदा स्तरों पर बनी रहेंगी।’
सुराणा ने कहा, ‘पेट्रोल और डीजल कीमतें इनके अंतरराष्ट्रीय कीमतों से जुड़ी हुई हैं। फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से 78 डॉलर प्रति बैरल के बीच होने से इसके उत्पाद की कीमतें ऊंची बनी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि निकट भविष्य में कच्चे तेल की कीमत 70 डॅलर प्रति बैरल से 75 डॉलर प्रति बैरल पर रहेगी।’
इक्रा में उपाध्यक्ष और सह प्रमुख (कॉर्पोरेट रेटिंग्स) प्रशांत वशिष्ठï ने कहा, ‘दिल्ली में करों को ध्यान में रख कर बात करें तो कच्चे तेल की कीमत में 1 डॉलर प्रति बैरल के बदलाव से पेट्रोल के भाव में 60 पैसे और डीजल के भाव में 55 पैसे का अंतर आता है।’