सरकार विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एकल खिड़की मंजूरी योजना पर विचार कर रही है। निवेशकों में भी इसे लेकर खासा उत्साह है। करीब आधा दर्जन विदेशी निवेशकों ने कहा कि वे सरकार से इसके बारे में बात कर रहे हैं। इन निवेशकों को विनिर्माण इकाई लगाने के लिए पहले से चिह्नित जमीन भी मुहैया कराई जाएगी। इस तरह की जमीन कम से कम 20 राज्यों में उपलब्ध हो सकती है। सरकार के अधिकारियों ने कहा कि यह योजना अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में लागू होगी।
मामले के जानकार एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘एकल खिड़की मंजूरी योजना 2021 में मार्च अंत तक या अप्रैल के पहले हफ्ते में आ सकती है। हम राज्यों के साथ देश में औद्योगिक विनिर्माण के लिए निवेश आकर्षित करने पर बात कर रहे हैं। अभी तक 8 राज्यों ने सहमति जताई है और 15 नवंंबर तक छह और राज्य इसमें शामिल हो जाएंगे। हम चालू वित्त वर्ष के अंत तक 20 राज्यों के इसमें शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यो में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की इकाइयां एवं वाहन उद्योग लगाने के लिए पूछताछ की जा रही है। देश में विदेशी निवेश आकर्षित करने की योजना के तहत इस दिशा में काम किया जा रहा है। इस योजना पर वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के साथ राज्य सरकारें भी काम कर रही हैं। इसके तहत देश में विनिर्माण इकाइयां लगाने के लिए सभी आवश्यक नियामकीय और राज्यों से संबंधित मंजूरियां एक ही जगह हासिल करने में मदद मिलेगी।
इस सुविधा को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने भूमि बैंक की रिपॉजिटरी बनाने का भी निर्णय किया है, जिसमें सभी खाली प्लॉट, कच्चे माल की उपलब्धता और परिवहन संपर्क आदि की जानकारी उपलब्ध होगी। सरकार भूमि बैंक और ऐसे क्षेत्रों, जिनमें बुनियादी ढांचे की खासी जरूरत होती है, के लिए एकल मंजूरी व्यवस्था पर काम कर रही है। इन क्षेत्रों में वाहन, इस्पत, एल्युमीनियम और अन्य औद्योगिक विनिर्माण क्षेत्र शामिल हैं। सॉवरिन फंड और अन्य निवेशक विभिन्न परियोजनाओं के लिए अक्सर जमीन की कमी की दुहाई देते हैं। देश में कारोबारी माहौल और सुगम बनाने में भी इससे मदद मिलेगी। खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर अतुल पांडेय ने कहा कि विभिन्न राज्यों में भूमि बैंक कई टुकड़ों में बंटे होने, भूमि अधिग्रहण में दिक्कतें और परियेाजनाएं शुरू
करने की राह में तमाम सरकारी औपचारिकताओं के कारण निवेशकों को दिए जाने वाले प्रोत्साहनों के संबंध में केंद्र सरकार को संबंधित राज्य सरकारों की चिंता पर ध्यान देना होगा। इसके अलावा संभावित निवेशकों को आश्वासन देने के लिए सरकार को प्रत्येक भूखंड का अधिकार प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए। इसके अलावा सरकार को अन्य जरूरी लाइसेंस और पंजीयन के लिए एकल मंजूरी व्यवस्था शुरू करनी चाहिए।
पांडेय ने कहा कि इससे भारत में औद्योगिक विनिर्माण आधार बढ़ाने में खासी मदद मिलेगी। इस पोर्टल में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के संबंध में भी जानकारियां होंगी। इनमें राज्य एवं विभिन्न जिलों में उपलब्ध जमीन आदि शामिल होंगे।