अर्थव्यवस्था

Manufacturing PMI: दिसंबर में सुस्त पड़ी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ़्तार, 12 महीने के निचले स्तर पर आया पीएमआई

पीएमआई के तहत 50 से ऊपर इंडेक्स होने का मतलब प्रोडक्शन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन (contraction) को दर्शाता है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- January 02, 2025 | 2:37 PM IST

PMI Manufacturing in December: भारत के मेन्यूफेक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट दिसंबर में 12 महीने के निचले लेवल 56.4 पर आ गई। नए ऑर्डर तथा प्रोडक्शन की धीमी गति इसकी मुख्य वजह रही। गुरुवार को जारी एक मंथली सर्वे में यह जानकारी दी गई।

सीजनल रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया मेन्यूफेक्चरिंग पर्चेसिंग मैनेजर इंडेक्स’ (PMI) दिसंबर में 56.4 रहा जो नवंबर में 56.5 था। यह परिचालन स्थितियों में कमजोर सुधार का संकेत देता है। गिरावट के बावजूद इसका 54.1 के अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से ऊपर रहना मजबूत ग्रोथ रेट का संकेत देता है।

बता दें कि पीएमआई के तहत 50 से ऊपर इंडेक्स होने का मतलब प्रोडक्शन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन (contraction) को दर्शाता है।

एचएसबीसी की अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, ‘भारत की विनिर्माण गतिविधि ने 2024 में एक मजबूत वर्ष का समापन किया, जबकि औद्योगिक क्षेत्र में मंदी के रुझान के संकेत मिले हालांकि यह मध्यम रहे। नए ऑर्डर में विस्तार की दर इस साल सबसे धीमी रही, जो भविष्य में उत्पादन में कमजोर वृद्धि का संकेत देती है।’’

प्रतिस्पर्धा और मूल्य दबाव के कारण विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि बाधित हुई। लैम ने कहा कि नये निर्यात ऑर्डर की गति में कुछ वृद्धि हुई है, जो जुलाई के बाद सबसे तेज गति से बढ़ी है। कीमतों के मोर्चे पर, नवंबर से कंटेनर, सामग्री तथा श्रम लागत में कथित रूप से वृद्धि के साथ, भारतीय विनिर्माताओं ने समग्र व्यय में और वृद्धि दर्ज की। हालांकि, मासिक आधार पर कच्चे माल की मूल्य मुद्रास्फीति की दर ऐतिहासिक मानकों के अनुसार मध्यम रही।

एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।

भारतीय विनिर्माता 2025 में वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं। सर्वेक्षण में कहा गया, ‘‘ …निवेश तथा अनुकूल मांग सकारात्मकता को दर्शाती है। फिर भी मुद्रास्फीति तथा प्रतिस्पर्धी दबावों को लेकर चिंताओं ने धारणाओं को प्रभावित किया है।’’

 

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

First Published : January 2, 2025 | 12:05 PM IST