पीएमआई ने उम्मीद बढ़ाई

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 11:23 PM IST

अर्थव्यवस्था की बहाली को लेकर पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) ने उम्मीद की किरण दिखाई है। खासकर विनिर्माण क्षेत्र में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। बहरहाल सामाजिक दूरी के मानकों के कारण नौकरियों की स्थिति खराब बनी हुई है।
सितंबर महीने में पीएमआई साढ़े आठ साल के उच्च स्तर 56.8 पर पहुंच गया, जो अगस्त में 52 पर था। ऑर्डर व उत्पादन बढऩे के कारण ऐसा हुआ है। 50 से कम पीएमआई संकुचन और इससे ऊपर प्रसार को दिखाता है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए की गई देशबंदी के बाद अप्रैल से ही लगातार 4 महीने तक  संकुचन की स्थिति रही, जबकि अगस्त में विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में विनिर्माण सूचकांक बढ़कर 51.6 हो गया है, जो पहली तिमाही में महज 35.1 पर था। यह कहना कठिन है कि आंकड़े जीडीपी के आंकड़ों पर असर डालेंगे क्योंकि पीएमआई के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका और आधिकारिक सांख्यिकी की गणना का तरीका अलग है और विनिर्माण अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा नहीं है।
पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में करीब 24 प्रतिशत की अप्रत्याशित गिरावट हुई थी। विनिर्माण क्षेत्र में ही करीब 40 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। सकल मूल्यवर्धन में इसका हिस्सा करीब 14 प्रतिशत रहा है।
बहरहाल आईएचएस मार्किट की एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है, उत्पादकों की रिकवरी अब बेहतर है।’  पीएमआई सर्वे में कहा गया है कि लॉकडाउन में ढील और ज्यादा मांग की वजह से भारत के विनिर्माताओं ने लगातार दूसरे महीने सितंबर में उत्पादन बढ़ाया है। सर्वे के इतिहास में यह तीसरी सबसे तेज बढ़ोतरी है।
इसी तरह नए कारोबार में भी बढ़ोतरी हुई है और यह बढ़ोतरी 2012 की शुरुआत के बाद से सबसे तेज है।
लीमा ने कहा, ‘भारत का विनिर्माण क्षेत्र लगातार सही दिशा में बढ़ रहा है। सितंबर महीने का पीएमआई डेटा तमाम सकारात्मक संकेत दे रहा है। कोविड-19 के प्रतिबंध हटाए जाने के बाद फैक्टरियां पूरी रफ्तार से उत्पादन कर रही हैं, जिसे नए काम में बढ़ोतरी का समर्थन मिल रहा है।’
ऑर्डर बुक की मात्रा बेहतर होने के बावजूद भारत के उत्पाकर पेरोल के आंकड़ों में कमी के संकेत दे रहे हैं। तमाम मामलों में सामाजिक दूरी के मानकों के कारण बुरा असर पड़ा है। रोजगार में लगातार छठे महीने गिरावट आई है।  लीमा ने कहा, ‘बहरहाल रोजगार के मामले में अभी आंकड़े कमजोर हैं। कुछ कंपनियों को कर्मचारियों की भर्ती में कठिनाई हो रही है, जबकि कुछ कंपनियां न्यूनतम कर्मचारी से काम चला रही हैं, जिससे सामाजिक दूरी के मानकों का पालन किया जा सके।’

First Published : October 1, 2020 | 11:28 PM IST