अर्थव्यवस्था

महंगाई दर के चार प्रतिशत पर स्थिर होने पर ही नीतिगत कदम पर विचारः RBI गवर्नर दास

दास ने कहा कि वृद्धि और मुद्रास्फीति का सफर उम्मीदों के अनुरूप आगे बढ़ रहा है, लेकिन यह चार प्रतिशत की तरफ यात्रा का अंतिम पड़ाव है, जो सबसे मुश्किल या पेचीदा होगा।

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भाषा   
Last Updated- June 07, 2024 | 4:58 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक ‘आगे के नीतिगत कदम’ पर तभी विचार कर सकता है जब उसे सकल मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर स्थिर रहने का भरोसा हो।

दास ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसले की संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि मुद्रास्फीति दर को चार प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप लाना केंद्रीय बैंक का मुख्य उद्देश्य है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक आरबीआई को मुद्रास्फीति के इस लक्ष्य के नीचे रहने का भरोसा नहीं हो जाता, तब तक दरों पर कोई कार्रवाई संभव नहीं होगी।’’

सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ) पर रखने का लक्ष्य दिया हुआ है। आरबीआई के अनुमानों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर तिमाही में 3.8 प्रतिशत पर आई है, लेकिन बाद में फिर से बढ़कर पांच प्रतिशत पर पहुंच रही है।

दास ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप होना चाहिए और एक बार यह चार प्रतिशत पर पहुंच जाए तो इसे वहीं रहना चाहिए। जब ​​हमें भरोसा हो जाएगा कि यह चार प्रतिशत पर स्थिर रहेगी और आगे नहीं बढ़ेगी, तब हम आगे की मौद्रिक नीति कार्रवाई के बारे में सोचेंगे।’’

एमपीसी के छह में से दो सदस्यों ने नीतिगत दर में बदलाव की बात कही लेकिन अन्य सदस्य यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में थे। रेपो दर (Repo Rate) फरवरी, 2023 से ही 6.5 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई है।

दास ने कहा कि वृद्धि और मुद्रास्फीति का सफर उम्मीदों के अनुरूप आगे बढ़ रहा है, लेकिन यह चार प्रतिशत की तरफ यात्रा का अंतिम पड़ाव है, जो सबसे मुश्किल या पेचीदा होगा।

उन्होंने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कदमों से आरबीआई के नीतिगत कदम को अलग रखे जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि रिजर्व बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती करने का विकल्प चुनने पर भी दर में कटौती नहीं कर सकता है।

दास ने कहा कि जेपी मॉर्गन बॉन्ड सूचकांक में भारत को शामिल किए जाने से आने वाले अतिरिक्त कोष प्रवाह को संभालने में केंद्रीय बैंक सक्षम है। आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के उच्च आधार-प्रभाव की वजह से चालू वित्त वर्ष के लिए 7.2 प्रतिशत का वृद्धि अनुमान थोड़ा कम है लेकिन अर्थव्यवस्था में वृद्धि की रफ्तार बहुत अधिक है।

पात्रा ने कहा कि मुख्य रूप से भू-राजनीतिक घटनाक्रम जैसे वैश्विक कारकों से वृद्धि के लिए जोखिम हैं। इसके अलावा प्रतिकूल मौसम की घटनाओं जैसे घरेलू कारक भी इसे नीचे ला सकते हैं।

First Published : June 7, 2024 | 4:58 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)