RBI Report on capex: भारतीय रिजर्व बैंक के कर्मचारियों के अध्ययन में संकेत दिया गया है कि वित्त वर्ष 2025 के दौरान निजी कंपनियों द्वारा किया गया पूंजीगत व्यय उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 2.45 लाख करोड़ रुपये हो सकता है, जो वित्त वर्ष 2024 के 1.59 लाख करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है।
वित्त वर्ष 2024 में बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा स्वीकृत परियोजनाएं 3.90 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। इनमें से 54 प्रतिशत निवेश वित्त वर्ष 2024 में होना है, जबकि 30 प्रतिशत वित्त वर्ष 2025 में और शेष आगामी वर्षों में निवेश होना प्रस्तावित है।
रिजर्व बैंक के अध्ययन में कहा गया है, ‘सभी तीनों माध्यम से वित्तपोषित प्रस्तावित परियोजनाओं की स्थिति देखें तो पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 2.45 लाख करोड़ रुपये हो सकता है जो वित्त वर्ष 2023-24 में 1.59 लाख करोड़ रुपये था।’
वित्तपोषण के अन्य साधनों (other channels of financing) में वाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के माध्यम से उधारी और आरंभिक सार्वजनिक पेशकश(आईपीओ) से धन जुटाना शामिल है। रिजर्व बैंक के मुताबिक पूंजीगत व्यय में बुनियादी ढांचा क्षेत्र सबसे ज्यादा धन आकर्षित कर रहा है। इसमें सड़कें व पुल और बिजली क्षेत्र आगे हैं। इससे सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देने के संकेत मिलते हैं।
रिजर्व बैंक के अध्ययन में कहा गया है, ‘कंपनियों और बैंकों की बेहतर बैलेंस शीट, कंपनियों के मुनाफे में सुधार, ऋण की सतत मांग, क्षमता के उपयोग में वृद्धि और बेहतर कारोबार की उम्मीद रिजर्व बैंक और अन्य एजेंसियों की ओर से आयोजित सर्वे से पता चलता है। इससे निजी कंपनियों को भविष्य में निवेश करने के लिए अनुकूल वातावरण मिल रहा है।’