विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले की सरकारों पर सवाल उठाते हुए आज कहा कि उन्होंने देश में क्षमता बनाए बगैर अर्थव्यवस्था खोल दी, जिससे इस नीति का लाभ चीन को मिला।
पुणे इंटरनैशनल सेंटर की ओर से आयोजित एशिया इकोनॉमिक डायलॉग में जयशंकर ने कहा, ‘चीन आगे बढ़ गया, क्योंकि आपने ऐसी स्थिति में दरवाजे खोल दिए कि उसका लाभ उन्हें मिला। यह हमारे लिए समस्या थी तो हम इसके लिए दोषी हैं।’ उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था खोलना बेहतर फैसला था, लेकिन कोई भी बगैर प्रैक्टिस और पिच का अध्ययन किए बगैर क्रिकेट नहीं खेलता।
उन्होंने कहा, ‘अगर हम बाहर से आयात पर बहुत निर्भर हैं, और मैं पूरी तरह स्वीकार करता हूं कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था है और कोई भी सब कुछ अपने लिए नहीं बना सकता। लेकिन मैं देखता हूं कि सही नीतियां होने पर हमारी विनिर्माण की क्षमता बेहतर हो सकती है।’ 1991 का हवाला देते हुुए उन्होंने कहा कि सिर्फ अर्थव्यवस्था खोलना समस्याओं का समाधान नहीं है, क्योंकि इसका मतलब यह हुआ कि आप खुद को दूसरे के हवाले कर रहे हैं, और गलत गतिविधियां हो सकती हैं। उन्होंने देश के भीतर क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया।
जयशंकर ने कहा, ‘अगर आप घर में ज्यादा क्षमता नहीं बनाते, खुलापन अपने आप में समाधान नहीं है। इसका मतलब आप खुद को अन्य लोगों के लिए खोल रहे हैं, जो ज्यादा गलत गतिविधियां चला सकते हैं।’
जयशंकर ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों को प्रोत्साहन मुहैया कराने से विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।