जानी मानी अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने देश की औद्योगिक विकास दर (आईआईपी) में गिरावट के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
मूडीज की ओर से कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट पूरी अर्थव्यवस्था के लिए एक खतरनाक संकेत है।
मूडीज के मुताबिक वैश्विक मंदी के बावजूद देश के केंद्रीय बैंक ने सख्त मौद्रिक नीति को ही अपनाए रखा।
अक्टूबर से कुछ ढील देनी शुरू की। अगर ढील देने में कुछ जल्दी दिखाई होती तो घरेलू उपभोग में इतने बड़े पैमाने पर गिरावट नहीं आती।