संप्रग सरकार से मिल गई तीसरी खुराक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 5:40 PM IST

उद्योग जगत की सेहत सुधारने और  अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने चुनाव से ऐन पहले एक और राहत पैकेज दे दिया है।
लोक सभा में अंतरिम बजट पर बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने उत्पाद शुल्क और सेवा कर में दो-दो फीसदी की कटौती का ऐलान किया। नई कटौती के बाद उत्पाद शुल्क 8 फीसदी और सेवा कर 10 फीसदी हो जाएगा।
मुखर्जी ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए मैं एक और राहत पैकेज जैसी व्यवस्था करने की कोशिश कर रहा हूं।’ सरकार ने इन राहतों की घोषणा ठीक उस वक्त की है जब चुनाव आयोग जल्द ही देश में आम चुनावों की घोषणा करने जा रहा है। एक बार घोषणा होते ही अधिसूचना जारी होने के बाद सरकार के पास इस तरह की घोषणा करने का रास्ता बंद हो जाता।
कितना नुकसान 
सरकार के इस राहत पैकेज की वजह से सरकारी खजाने को 29,100 करोड़ रुपये के राजस्व का चूना लगेगा। अर्थव्यवस्था को गति देने वाले अब तक के सरकारी राहत पैकेजों से चालू वित्त वर्ष में सरकार पर 52,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने वाला है। इससे बजट घाटे में और ज्यादा इजाफा होगा।
रेटिंग और सलाहकार एजेंसी क्रिसिल लिमिटेड के अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी कहते हैं, ‘करों में राहत देने से सरकार के घाटे में बढ़ोतरी होना तय है।’ दूसरी ओर, एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरूआ का भी कुछ ऐसा ही मानना है। हालांकि, सेवा कर में कमी से उपभोक्ताओं को जरूर फायदा होता दिख रहा है।
इससे पहले सरकार मांग बढ़ाने के लिए दो और प्रोत्साहन पैकेजों की घोषणा कर चुकी है। इससे चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद के 6 फीसदी के बराबर तक हो सकता है।
जीएसटी की ओर 
वैसे, सरकार के इस कदम को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की ओर सरकार के बढ़ते कदम के रूप में भी देखा जा रहा है। यह कर अगले साल अप्रैल से प्रस्तावित है और इसको सभी दूसरे करों की जगह पर लगाया जाएगा। 18 फीसदी वाले प्रस्तावित जीएसटी से 8 फीसदी केंद्र और 8 फीसदी राज्यों के खाते में जाएगा।
क्या है राहत की तीसरी गोली में
उत्पाद शुल्क में चार फीसदी की कटौती
31 मार्च 2009 के बाद भी जारी रहेगी यह कटौती
सेवा कर में दो फीसदी की कमी, 12 फीसदी से घटाकर किया 10 फीसदी
थोक सीमेंट पर कटौती के बाद आठ फीसदी या 230 रुपये प्रति टन या इन दोनों में से जो ज्यादा होगा, उसी दर से लगेगा उत्पाद शुल्क 
चुनाव से ऐन पहले राहत देने का थ्थ आखिरी मौका
खजाने की सेहत और बिगड़ने का बढ़ गया अंदेशा
पहला पैकेज 7 दिसंबर 2008
सेनवैट में 4 फीसदी की कटौती,14 फीसदी से घटाकर किया 10 फीसदी
निर्यातकों पर मेहरबानी, 2 फीसदी ब्याज दर का अनुदान
टर्मिनल उत्पाद शुल्क के लिए 1,100 करोड़ रुपये
बुनियादी ढांचे के लिए इंडियन इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस लिमिटेड को मार्च 2009 तक मुक्त बांड के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति
होम लोन में दो श्रेणियों में कमी करने की बात
कपड़ा उद्योग के लिए 1,400 करोड़ रुपये
लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क हटाया 
दूसरा पैकेज 2 जनवरी 2009
गैर वित्तीय बैंकिंग  कंपनियों  को 25,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी की सहायता
राज्यों को 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी लेने की अनुमति
रुपये में अंकित निगमित बांडों में विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश की सीमा 6 अरब डॉलर से बढ़ाकर 15 अरब डॉलर की
सार्वजनिक बैंकों द्वारा ऋण लक्ष्यों में संशोधन
सार्वजनिक बैंकों द्वारा वाणिज्यिक वाहनों की खरीद के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को ऋण सुविधा देने की घोषणा
ईसीबी संबंधी नीति को किया और उदार
किस पर होगा कितना असर
टेलीकॉम- बिल में हो जाएगी दो फीसदी की कमी
विमानन-सस्ते हो जाएंगे टिकट, खासकर बिजनेस और फर्स्ट क्लास के टिकट
रिटेलरकंसल्टेंट-होगा फायदा, कुल लागत में आएगी 50 से सौ आधार अंकों की कमी
बीमा-बीमा के लिए देना पड़ेगा कम प्रीमियम
ऑटोमोबाइल-वाणिज्यिक वाहनों को ही मिल पाएगा लाभ
कपड़ा-फायदा तो होगा, लेकिन बहुत थोड़ा सा
सीमेंट- सस्ता हो जाएगा सीमेंट
स्टील- प्रति टन 500 से 800 रुपये कम हो जाएंगी कीमतें
टायर- सस्ते हो गए टायर
नुस्खा नहीं पसंद
सरकार एक के बाद एक राहत पैकेज दे रही है, लेकिन उसकी वित्तीय साख बिगड़ रही है। साख तय करने वाली रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स (एसऐंडपी) ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालत के मद्देनजर इसकी क्रेडिट रेटिंग घटाकर नकारात्मक कर दी है।
इस बदलाव से फर्कयह पड़ेगा कि विदेश से भारतीय कंपनियों को कर्ज लेने में दिक्कत आएगी और रुपया भी कमजोर हो जाएगा। एसऐंडपी ने कहा, ‘साख में बदलाव करने की वजह भारत की वित्तीय हालत है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि मध्यम अवधि में भारत की वित्तीय हालत को बहुत स्थिर नहीं माना जा सकता।’ 

First Published : February 25, 2009 | 10:48 AM IST