व्यापारी से उद्यमी बने सुरेंद्र नाहटा ने पिछले तीन महीनों से ‘वीकेंड’ नहीं मनाया है।
खर्च कम करने के लिए उद्योगों के लिए बिजली के उपकरण बनाने वाले नाहटा ने प्रबंधक स्तर के कर्मचारियों की संख्या में भी कटौती की है, लेकिन उन्होंने उत्पादन से जुड़े किसी कर्मचारी को नहीं हटाया है।
नोएडा के सेक्टर-10 में तुलसी स्विचगियर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से 2 करोड़ रुपये सालाना का कारोबार करने वाले नाहटा को शेयर बाजार के गिरने के साथ ही मंदी का अहसास हो गया था। तभी से वे अपने खर्च को लेकर सचेत हो गए थे। सबसे पहले उन्होंने माल का स्टॉक करना बंद कर दिया।
फिलहाल ऑर्डर के मुताबिक ही वे उत्पादन कर रहे हैं। पिछले दो महीनों में उत्पादन में 30 फीसदी तक की कमी आयी है। लिहाजा उन्होंने लागत में कमी के लिए 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की। वे कहते हैं, ‘मेरी फैक्ट्री में करीब 70 लोग काम करते हैं लेकिन सीधे तौर पर उत्पादन कार्य से जुड़े किसी भी वर्कर को मैंने नहीं हटाया है।
उलटा मैं वर्कर को बढ़ाना चाहता हूं।’ मंदी से बचने के लिए उन्होंने इन दिनों उधार पर माल देना बंद कर दिया है। पहले वे 60-120 दिनों तक का उधार देते थे। नाहटा नोएडा में बतौर उद्यमी काम शुरू करने से पहले हैदराबाद में स्विचगियर का कारोबार करते थे।
बीकॉम पास नाहटा ने वर्ष 1984-89 तक हैदराबाद में कारोबार किया, लेकिन अपने आपूर्तिकर्ता उद्यमी से किसी बात को लेकर मनमुटाव होने पर उन्होंने खुद उत्पादन करने की ठानी। परिवार के सहयोग से उन्होंने वर्ष 1989 में 3.50 लाख रुपये पूंजी से नोएडा में फैक्ट्री खरीद निर्माण कार्य शुरू किया।